अखिलेश यादव भी आख़िरकार लोकसभा चुनाव मैदान में उतर गए। यह घोषणा पार्टी द्वारा तेज प्रताप यादव को उस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित करने के दो दिन बाद आई है। इसके लिए नामांकन 25 अप्रैल को होगा। इस सीट पर 13 मई को वोटिंग होगी।
समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश की कन्नौज सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनकी पार्टी ने बुधवार शाम एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार दोपहर अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
सपा द्वारा उनके नाम की घोषणा किए जाने से पहले बुधवार को दिन में ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह खुद इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं।
अखिलेश ने 2000 में कन्नौज सीट से जीत हासिल की थी। बाद में उन्होंने 2004, 2009 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया और 2012 में मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सीट छोड़ दी और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने निर्विरोध उपचुनाव जीता। बाद में डिंपल 2014 में इस सीट से जीतीं लेकिन 2019 में वह बीजेपी के सुब्रत पाठक से हार गईं।
इंडिया गठबंधन के सहयोगियों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने हफ्तों की तनावपूर्ण बातचीत और कड़ी सौदेबाजी के बाद फरवरी में उत्तर प्रदेश में अपने सीट-बंटवारे समझौते को अंतिम रूप दिया था।
उनके समझौते के तहत कांग्रेस राज्य की 80 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, शेष 63 सीटें सपा और उसके छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ रही है।
कांग्रेस यूपी में जिन सीटों पर चुनाव लड़ रही है उसमें पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली और अमेठी भी शामिल हैं। इनके लिए अभी तक उम्मीदवारों के नाम तय नहीं किए गए हैं। चर्चा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा यहां से चुनावी मैदान में उतर सकती हैं और राहुल गांधी भाजपा की स्मृति ईरानी के साथ तीसरे मुकाबले के लिए लौट सकते हैं।
यूपी की 80 सीटें किसी भी राज्य की तुलना में सबसे अधिक हैं। कहा जाता है कि केंद्र में सत्ता उसको मिलने की ज़्यादा संभावना होती है जो राज्य में बढ़िया प्रदर्शन करता है। भाजपा ने 'अबकी बार, 400 पार' का नारा दिया है और विपक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरे कार्यकाल से रोकने के लिए यूपी में काफी मेहनत कर रहा है।