कांग्रेस, बीएसपी की माँग, सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विकास दुबे कांड की जाँच हो

06:32 pm Jul 10, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

कांग्रेस और बीएसपी ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में गैंगस्टर विकास दुबे कांड की जाँच की माँग की है। दोनों दलों का यह बयान विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद आया है। इस मुठभेड़ को लेकर पुलिस पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने कहा कि अपराध और उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या बीएसपी नेता मायावती ने भी कहा है कि विकास दुबे के समस्त मामलों की माननीय सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए।

प्रियंका गाँधी ने विकास दुबे कांड को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने इस मामले में वीडियो बयान जारी किया है। इस वीडियो के साथ ही उन्होंने ट्वीट कर प्रदेश में बढ़ते अपराध पर सवाल उठाए हैं। 

प्रियंका ने जो ट्वीट किया है उसमें 2.04 मिनट का वीडियो भी है। इस वीडियो में प्रियंका ने कहा कि सारा देश देख रहा है कि भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध में बदल डाला। प्रियंका ने कहा, 'उनके अपने सरकारी आँकड़ों के मुताबिक़ बच्चों पर अपराध में नंबर एक पर हैं। दलितों पर अपराध में नंबर एक पर हैं। महिलाओं पर अपराध में नंबर एक पर हैं। अवैध असलहों और हथियारों के मामले में नंबर एक पर हैं। हत्याओं में नंबर एक पर हैं। अब यह प्रदेश की स्थिति है...।' इसके आगे उन्होंने प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। 

प्रियंका ने कहा, 'उप्र की क़ानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठगांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए।' 

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस स्थिति में विकास दुबे जैसे अपराधी फल-फुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके बड़े-बड़े व्यापार हैं, खुलेआम अपराध करते हैं। वह आरोप लगाती हैं कि 'पूरा प्रदेश जानता है कि इनका संरक्षण राजनीतिक सोर्सेस से होता है और जो सत्ता में हैं उनसे होता है, सब देख रहे हैं'। इसके बाद प्रियंका ने सवाल उठाया कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद जो आठ पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं उनको कैसे भरोसा दिला सकते हैं कि उनको न्याय मिल रहा है, कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।

बिकरू गाँव में मुठभेड़ में पुलिस कर्मियों की हत्या से लेकर विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के पूरे मामले की जाँच की माँग को लेकर मायावती ने ट्वीट किया है।

कुछ ऐसा ही हमला पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी किया है। उन्होंने इशारों में साफ़ तौर पर कहा है कि विकास दुबे की मुठभेड़ यूपी सरकार को गिरने से बचाने के लिए हुई है। शुक्रवार सुबह जब ख़बर आई कि जिस गाड़ी में विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से उत्तर प्रदेश के कानपुर ले जाया जा रहा था वह गाड़ी पलट गई है और मुठभेड़ में विकास दुबे को मार गिराया गया है तो अखिलेश यादव ने इसको लेकर ट्वीट किया- 'दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है'।

बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ़्तार हुए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर को कानपुर ले जाने के दौरान रास्ते में गाड़ी पलट गई। पुलिस ने दावा किया है कि इस हादसे के बाद विकास दुबे हथियार पुलिसकर्मियों से छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान मुठभेड़ हुई। पुलिस का कहना है कि उसने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी, इसके जवाब में पुलिस ने भी आत्म सुरक्षा में गोली चलाई। इसमें विकास दुबे को गोली लगी। इस घटना के बाद विकास दुबे को अस्पताल में लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

दुबे के बारे में कहा जाता है कि उसकी सभी राजनीतिक दलों में अच्छी पकड़ थी और वह जिला पंचायत का सदस्य भी रह चुका था। कई पार्टियों के नेता पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों में दुबे की मदद लेते रहे थे। दुबे बहुजन समाज पार्टी में भी रह चुका था। विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुक़दमे दर्ज थे। दुबे का नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी। शुक्ला राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री थे। विकास दुबे काफी समय से गैंग बनाकर लूटपाट और हत्याएँ कर रहा था और इसीलिए उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा था।