यूपी में पुलिस के ग़ैर-क़ानूनी बर्ताव की हो न्यायिक जाँच: प्रियंका

09:22 pm Dec 30, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ उत्तर प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर कांग्रेस लगातार राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार और पुलिस पर हमलावर है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस ने उत्तर प्रदेश में अराजकता फैलाने का काम किया है। 

कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाक़ात की और उन्हें चिट्ठी सौंपी। चिट्ठी में नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शनों के दौरान पुलिस के ग़ैर-क़ानूनी आचरण की न्यायिक जाँच कराने की माँग की गई है। 

प्रियंका ने प्रेस कॉन्फ़्रेस में कहा, ‘मैं बिजनौर गई थी, वहां दो बच्चों की मौत हुई। एक का नाम अनस और दूसरे का नाम सुलेमान था। 14 साल के अनस की मौत होने पर पुलिस ने उसके परिवार को धमकाया कि वह जहां रहते हैं, वहां उसे दफ़न न करें और उसके शव को मोहल्ले से 20 किमी दूर दफनाया गया।’ प्रियंका ने आगे कहा, ‘21 साल का सुलेमान यूपीएससी की तैयारी कर रहा था। शाम को नमाज़ पढ़ने के लिए वह मसजिद गया था। वहां खड़े लोगों और उसके परिवार का कहना है कि पुलिस ने उसे मसजिद के बाहर से उठा लिया और कहीं ले गए। थोड़ी देर बाद पता चला कि 5-6 किमी. दूर उसकी लाश मिली। पुलिस ने परिवार पर दबाव डाला कि वे एफ़आईआर दर्ज नहीं कराएंगे।’

प्रियंका ने सामाजिक कार्यकर्ता एस.आर. दारापुरी और कांग्रेस प्रवक्ता सदफ ज़फर के ख़िलाफ़ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में भी बताया। इसके अलावा भी उन्होंने यूपी के कई सामाजिक  कार्यकर्ताओं पर यूपी पुलिस के मुक़दमों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तमाम जगहों पर तोड़फोड़ की है। 

प्रियंका ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान कि वह उपद्रवियों से बदला लेंगे, उस बयान पर पुलिस और प्रशासन कायम है। उन्होंने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी मुख्यमंत्री ने इस तरह का बयान दिया है।

प्रियंका ने कहा कि उनकी सुरक्षा का सवाल बहुत छोटा सवाल है और इस पर चर्चा करने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम प्रदेश की सुरक्षा का सवाल उठा रहे हैं, हम जनता की सुरक्षा का सवाल उठा रहे हैं। नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर उन्होंने कहा, ‘यह झूठों का अभियान है। यह पूरी तरह संविधान के ख़िलाफ़ है। आप ग़रीबों, मजदूरों से 70 साल पुराने कागजात मांगेंगे।’ 

प्रियंका के बयान पर योगी का पलटवार

प्रियंका ने कहा था, ‘यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवा धारण किया है। यह हिंदू धर्म का प्रतीक है, जिसमें हिंसा और बदले के लिए कोई जगह नहीं है।’ इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया कि संन्यासी की लोक सेवा और जन कल्याण के निरंतर जारी यज्ञ में जो भी बाधा उत्पन्न करेगा उसे दण्डित होना ही पड़ेगा। ट्वीट में कहा गया है कि विरासत में राजनीति पाने वाले और देश को भुला कर तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोक सेवा का अर्थ क्या समझेंगे?

एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया, ‘योगी आदित्यनाथ ने भगवा लोक सेवा के लिए धारण किया है। सब कुछ त्याग कर। वह न केवल भगवा धारण करते हैं, बल्कि उसका प्रतिनिधित्व भी करते हैं।’

प्रियंका जब शनिवार को लखनऊ में पुलिस के द्वारा एस.आर.दारापुरी से मिलने जा रही थीं तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की थी। प्रियंका ने आरोप लगाया था कि एक महिला अधिकारी ने उनका गला पकड़ कर खींचा। इसके अलावा प्रियंका गाँधी के कार्यालय की ओर से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ़) को लिखे ख़त में आरोप लगाया है कि लखनऊ में एक सर्किल अफ़सर अभय मिश्रा ने प्रियंका के सुरक्षाकर्मी को धमकी दी। प्रियंका गाँधी के कार्यालय की ओर से इस पुलिस अफ़सर के ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई करने की माँग की गई है।