विश्व विख्यात पर्यटन स्थल ताज महल के 22 कमरों को खोले जाने की मांग की गई है। इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। यह याचिका अयोध्या में बीजेपी के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह ने दायर की है।
ताजमहल को दुनिया के सात अजूबों में से एक माना जाता है। बता दें कि हिंदू संगठन ताजमहल के तेजो महालय होने की बात कहते रहे हैं।
वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के मामले के बीच ही अब ताजमहल को लेकर नया विवाद शुरू हो सकता है।
रजनीश सिंह ने ‘यूपी तक’ से बातचीत में कहा कि ताजमहल के जो 22 कमरे सुरक्षा कारणों से बंद हैं आखिर इन्हें बंद क्यों रखा गया है। रजनीश सिंह ने कहा कि अगर हाई कोर्ट से उनकी याचिका खारिज हुई तो वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे लेकिन बंद कमरों को जरूर खुलवाएंगे। उनका कहना है कि इन 22 कमरों के खुलने के बाद यह बात साफ हो जाएगी कि यह इमारत ताजमहल है या फिर तेजो महालय।
रजनीश सिंह ने कहा कि उनके द्वारा दायर याचिका व्यक्तिगत है ना कि बीजेपी के कार्यकर्ता की हैसियत से उन्होंने इसे दायर किया है। इन 22 कमरों के बारे में कहा जाता है कि यहां पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं।
22 कमरों को खुलवाने की मांग वाली याचिका की सोशल मीडिया पर खासी चर्चा है और चूंकि यह याचिका बीजेपी के नेता ने दायर की है इसलिए यह माना जा रहा है कि इसके पीछे बीजेपी ही है।
विनय कटियार का दावा
ताजमहल को लेकर साल 2017 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता विनय कटियार ने दावा किया था कि यह भगवान शिव का मंदिर है और इसका नाम तेजो महल है। उन्होंने कहा था कि मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल को यहां दफनाया था और इसे एक मकबरे में बदल दिया था।
कटियार का कहना था कि इसे हिंदू राजाओं ने बनाया था और इसके अंदर बने कमरे और नक्काशियों से साबित होता है कि यह एक हिंदू स्मारक है। उन्होंने कहा था कि इस बारे में इतिहासकार पीएन ओक ने भी लिखा है।
एएसआई ने खारिज किये दावे
हालांकि उनके इन दावों को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने खारिज कर दिया था। एएसआई ने आगरा की एक अदालत में हलफनामा देकर कहा था कि ताजमहल को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में एक मकबरे के रूप में बनवाया था।
क्या है ताजमहल में?
ताजमहल में कुल 120 कमरे हैं और एक बड़ा हॉल है जिसे शीश महल कहा जाता है। यहां एक बड़ा फव्वारा भी लगा हुआ है। ताजमहल को बनाने में कुल 22 साल लगे थे और 22000 कामगारों ने इसका निर्माण कार्य पूरा किया था। इसे कई चरणों में पूरा किया जा सका था।
ताजमहल के खंबे इस तरह बनाए गए हैं कि किसी भी प्राकृतिक आपदा का इस पर कोई असर ना हो। एशिया के अलग-अलग इलाकों से 28 तरह के अलग-अलग पत्थर लाकर ताजमहल का निर्माण किया गया था। ताजमहल का निर्माण फारसी, तुर्क, भारतीय और इस्लामिक शैली से किया गया। यहां पर मुमताज महल के साथ ही शाहजहां का भी मकबरा है।