उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के अपने राज्य से बहुत दूर बेंगलुरू में लगे एक होर्डिंग को लेकर खासी किरकिरी हो गई है। हुआ यूं कि 12 जुलाई को शिशिर रूद्रप्पा नाम के ट्विटर यूजर ने ट्वीट कर कहा कि बेंगलुरू से सिटी एयरपोर्ट की ओर जाते वक़्त उत्तर प्रदेश सरकार का एक विशालकाय होर्डिंग लगा है।
होर्डिंग में लिखा था कि उत्तर प्रदेश देश में नंबर वन है और यहां 4 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है। होर्डिंग में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फ़ोटो भी लगा था।
शिशिर ने इस होर्डिंग की फ़ोटो को ट्वीट करते हुए लिखा कि कर्नाटक में यूपी सरकार का चुनाव प्रचार शुरू हो चुका है। 12 जुलाई को ही किए गए दूसरे ट्वीट में शिशिर ने बिल्कुल ऐसे ही होर्डिंग की फ़ोटो को ट्वीट किया और लिखा कि वह दिल्ली में उतर चुके हैं और यह होर्डिंग दिल्ली एयरपोर्ट के बाहर लगा है।
शिशिर रूद्रप्पा ने इस वाले ट्वीट में उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी शिशिर को भी टैग कर दिया था। शिशिर रूद्रप्पा के इस होर्डिंग वाले फ़ोटो को री-ट्वीट करते हुए जनसंपर्क अधिकारी शिशिर ने लिखा कि वह जिम्मेदार शख़्स की तरह व्यवहार करें और फ़ेक न्यूज़ न फैलाएं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कर्नाटक में कहीं भी इस तरह का विज्ञापन नहीं लगाया गया है। उन्होंने इसमें उत्तर प्रदेश के डीजीपी और उत्तर प्रदेश की साइबर पुलिस के वैरीफ़ाइड हैंडल को भी टैग कर दिया।
साइबर पुलिस ने जनसंपर्क अधिकारी शिशिर के इस ट्वीट के जवाब में लिखा कि इस होर्डिंग की फ़ोटो को ट्वीट करने वाले शख़्स के ख़िलाफ़ उचित क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार का फ़ैक्ट चैक करने वाला हैंडल भी तुरंत सामने आ गया और उसने कहा कि बेंगलुरू में ऐसे होर्डिंग के लगे होने की बात पूरी तरह झूठ है।
इसके बाद शिशिर रूद्रप्पा ख़ुद मैदान में उतर आए और उन्होंने जनसंपर्क अधिकारी शिशिर को ट्विटर पर ही जवाब देते हुए लिखा कि इसमें फ़ेक न्यूज़ जैसी क्या बात है। उन्होंने सिर्फ़ उसी होर्डिंग की फ़ोटो ट्वीट की है जो उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेंगलुरू के एयरपोर्ट के चारों ओर लगाए गए हैं और कोई भी इसे देख सकता है।
शिशिर रूद्रप्पा ने एक वीडियो भी शेयर किया और इसमें दिखाया कि बेंगलुरू एयरपोर्ट के बाहर यह होर्डिंग लगा है। शिशिर रूद्रप्पा ने कहा कि अब वह यानी जनसंपर्क अधिकारी शिशिर अपना और अपने विभाग के उस ट्वीट को डिलीट करें जिसमें उनके ट्वीट को फ़ेक न्यूज़ बताया गया था।
मंगलवार यानी 13 जुलाई को शिशिर ने एक और वीडियो ट्वीट किया और इसमें दिख रहा है कि कुछ लोग उस होर्डिंग को जिसकी फ़ोटो को ट्वीट करने के बाद यह विवाद खड़ा हुआ, उसे उतार रहे हैं।
इसके बाद कई लोगों ने जनसंपर्क अधिकारी शिशिर और साइबर पुलिस की आलोचना तो की ही, उन्हें जमकर खरी-खोटी भी सुनाई।