उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य क्या यूपी बीजेपी के अगले अध्यक्ष होने जा रहे हैं। मौर्य के रविवार को किए गए एक ट्वीट से इस बात के संकेत मिले हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी संगठन की कमान एक बार फिर उनके हाथ आ सकती है। मौर्य ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि संगठन सरकार से बड़ा है। उन्होंने इस ट्वीट को पिन भी किया है और अब यह माना जा रहा है कि पार्टी हाईकमान केशव मौर्य को इस पद पर नियुक्त कर सकता है।
मार्च में राज्य के चुनाव नतीजे आने के बाद से ही पार्टी हाईकमान नए अध्यक्ष की तलाश में जुटा था। प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया जा चुका है और उनके स्थान पर किस नेता को इस पद पर बैठाया जाए, इसके लिए पिछले 4 महीनों में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने लंबी सियासी कसरत की है। स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल भी जुलाई में पूरा हो चुका है।
प्रदेश अध्यक्ष पद के संभावित दावेदारों में उत्तर प्रदेश बीजेपी के कई ब्राह्मण नेताओं के साथ ही पिछड़ा वर्ग और दलित समुदाय से आने वाले नेताओं के नाम चर्चा में रहे हैं। बीते कई दिनों से इस बात की संभावना जोरों पर है कि बीजेपी जल्द ही राज्य में अपने नए सेनापति के नाम का एलान कर देगी।
इस तरह की तमाम चर्चाओं के बीच केशव प्रसाद मौर्य जैसे वरिष्ठ नेता का यह ट्वीट आना निश्चित रूप से यह बताता है कि वह एक बार फिर से उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बन सकते हैं।
कौन हैं केशव प्रसाद मौर्य?
इससे पहले साल 2016 में केशव प्रसाद मौर्य को उत्तर प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया था। मौर्य बीजेपी के मातृ संगठन माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से आते हैं और राम जन्मभूमि आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं।
केशव प्रसाद मौर्य विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल से होते हुए संघ और फिर बीजेपी में आए हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव के वक्त केशव प्रसाद मौर्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष थे और तब बीजेपी को चुनाव में बड़ी जीत मिली थी।
तब इस बात की प्रबल संभावना थी कि मौर्य को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिल सकती है लेकिन लंबे मंथन के बाद बीजेपी हाईकमान ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी दी थी और मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाया था।
केशव प्रसाद मौर्य को कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता सदन जैसा अहम पद भी दिया गया था। इससे पहले यह पद स्वतंत्र देव सिंह के पास था। मौर्य को इस साल विधानसभा चुनाव में बड़ा झटका तब लगा था जब वह कौशांबी जिले में सिराथू सीट से विधानसभा चुनाव हार गए थे।
2024 पर है नजर
बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली थी। अब उसकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, जहां वह पिछली बार के अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहती है।
पिछड़ी जाति से आने वाले केशव प्रसाद मौर्य के पास उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में कार्यकर्ताओं का अच्छा खासा नेटवर्क है और समर्थकों की बड़ी संख्या है।
उत्तर प्रदेश में ताकतवर ओबीसी राजनीति को देखते हुए और मुख्यमंत्री के पद पर सवर्ण समुदाय के योगी आदित्यनाथ के होने के बाद अगर बीजेपी केशव प्रसाद मौर्य को ही अध्यक्ष बनाती है तो यह एक बेहतर सियासी संतुलन साबित हो सकता है।