अब गाजियाबाद का नाम बदलने की तैयारी है। पिछले कुछ समय से हिंदू संगठनों की मांग के चलते नगर निकाय ने पहली बार बोर्ड बैठक के एजेंडे में गाजियाबाद का नाम बदलने का मुद्दा रखा। नाम बदलने के लिए दो विकल्प हैं- 'गजनगर' और 'हरनंदी नगर'। यानी यदि नाम बदलने का फ़ैसला ले लिया जाता है तो फिर इसका नाम इन दोनों नामों में से ही एक के होने की ज़्यादा संभावना है।
योगी आदित्यनाथ के 2017 में सत्ता में आने के बाद से शहरों के नाम बदलने का मुद्दा उठता रहा है। इलाहाबाद, मुगलसराय जैसे बड़े-बड़े शहरों के नाम बदल दिए गए। यूपी में शुरू हुआ नाम बदलने का सिलसिला बीजेपी शासित कई राज्यों में पहुँचा और वहाँ भी नाम बदलने की मुहिम चलाई गई। यहाँ तक कि रेलवे ने भी कई स्टेशनों के नाम बदले।
2018 में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के बाद इस तरह के नाम बदलने की मांग कई शहरों में तेज हुई हैं। दक्षिणपंथी संगठन कई शहरों में इसके लिए अभियान चलाते रहे हैं। गाज़ियाबाद में भी इस तरह का अभियान लंबे समय से चलाया जा रहा है। आम तौर पर उन शहरों का नाम बदला जा रहा है जिनका संबंध मुगलों या मुगल जैसे नामों से मिलता-जुलता रहा है।
गाजियाबाद की स्थापना 1740 में मुगल बादशाह 'मुहम्मद शाह' के वजीर 'गाजी-उद-दीन' ने की थी। गाजियाबाद का नाम तब गाजी-उद-दीन नगर रखा गया। बाद में इसे 'गाजीउद्दीननगर' कर दिया गया। 1864 में अंग्रेजों द्वारा रेलवे के उद्घाटन के साथ इसे छोटा करके गाजियाबाद कर दिया गया। अब इसे बदलने की मांग उठ रही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़, गाज़ियाबाद का नाम बदलने के समर्थन में अब तक 128 संगठन सामने आ चुके हैं।
दूधेश्वर नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरि ने 2022 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और एक ज्ञापन सौंपा था। तब गिरि ने कहा था कि सीएम ने मुझे आश्वासन दिया कि वह हमारी मांगों पर गौर करेंगे। उन्होंने कहा था कि मैंने सुझाव दिया था कि गाजियाबाद का नाम गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर या हरनंदीपुरम रखा जाना चाहिए।
अब एनसीआर ज़िले का नाम बदलने का प्रस्ताव सोमवार को एक भाजपा पार्षद द्वारा पेश किया गया और इसे एजेंडे में शामिल किया गया। माना जा रहा है कि माहौल इसके पक्ष में जा रहा है।
जिले के नए नाम के प्रस्ताव पर गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि उन्हें पिछले कुछ समय से जगह का नाम बदलने के लिए अनुरोध मिल रहे थे। उन्होंने टीओआई को बताया, 'लेकिन यह पहली बार है कि इस मामले पर कार्यकारी स्तर पर चर्चा होगी।'
वार्ड नंबर 100 के पार्षद संजय सिंह ने आधिकारिक तौर पर प्रस्ताव पेश किया। निगम में भाजपा के पास अच्छा बहुमत है। अंग्रेजी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'बोर्ड ने मेरे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है और मंगलवार को इस पर चर्चा होगी। मुख्य रूप से, मैंने दो नाम प्रस्तावित किए हैं - गजनगर और हरनंदी नगर। गाजियाबाद इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। अब समय आ गया है कि शहर को उसका सही स्थान दिया जाए।'