यूपी की अयोध्या में एक और दलित बेटी के साथ हैवानियत की घटना ने झकझोर कर रख दिया है। अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद से लेकर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी तक ने इस नृशंस हत्या को अमानवीय, हृदयविदारक और बेहद शर्मनाक बताया है। अवधेश प्रसाद ने तो रविवार को सांसदी से इस्तीफ़े की चेतावनी दे दी है।
अयोध्या के पास गाँव की यह घटना उस दलित लड़की के साथ हुई बर्बरता बयाँ करती है। लड़की लापता हो गई थी। शव नग्न अवस्था में मिला। हाथ-पैर रस्सी से बंधे थे। उसकी आँखें फोड़ दी गईं। शरीर की हड्डियाँ फ्रैक्चर थीं। शरीर पर जगह-जगह घाव के निशान थे। परिजनों का आरोप है कि तीन दिन पहले लापता होने की रिपोर्ट पर समय से पुलिस कार्रवाई करती तो उनकी बेटी की जान बच सकती थी। इस दरिंदगी की घटना ने हाथरस की घटना की याद ताज़ा करा दी है। एक के बाद एक लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आ रही हैं। तो सवाल है कि आख़िर यूपी में लगातार आ रही ऐसी घटनाएँ रुक क्यों नहीं रही हैं?
इस सवाल के जवाब से पहले यह जान लें कि आख़िर अयोध्या की इस ताज़ा घटना को लेकर परिजनों का क्या कहना है। परिजनों का कहना है कि युवती गुरुवार रात से लापता थी। परिजनों ने ढूंढना शुरू किया। उनका आरोप है कि लापता होने की रिपोर्ट देने के बाद पुलिस ने सक्रियता नहीं दिखाई। परिजनों को शनिवार सुबह उनके गाँव से लगभग 500 मीटर दूर एक छोटी नहर में उसका शव मिला। शव पर दरिंदगी के निशान थे। परिजनों ने युवती की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या किए जाने का संदेह जताया है।
इस घटना ने राजनीतिक गलियारों में भी बेचैनी पैदा कर दी है। अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने न्याय नहीं मिलने पर सांसदी से इस्तीफ़ा देने की चेतावनी दी है। रविवार को पत्रकारों के सामने आए अवधेश प्रसाद इस घटना को लेकर अपनी बात कहते हुए रो पड़े। उन्होंने कहा, 'मैं उसे बचाने में विफल रहा'।
ऑनलाइन सामने आए वीडियो में साथी कार्यकर्ता अवधेश प्रसाद को सांत्वना देते हुए कहते हैं, 'आप उसके लिए लड़ेंगे, उसे न्याय दिलाएंगे।' इस बीच, भावुक और आक्रोशित सांसद ने कहा, 'मुझे दिल्ली, लोकसभा जाने दीजिए। मैं मोदी के सामने यह मामला रखूंगा और अगर हमें न्याय नहीं मिला, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। मैं लोकसभा से भी इस्तीफा दे दूंगा।'
वीडियो में रोते हुए उनको यह कहते सुना जा सकता है कि वह लड़की की जान नहीं बचा सके। उन्होंने कहा, 'इतिहास क्या कहेगा? बच्ची के साथ ऐसा कैसे हुआ?'
नृशंस हत्या शर्मनाक: राहुल
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि अयोध्या में दलित बेटी के साथ हुई अमानवीयता और उसकी नृशंस हत्या हृदयविदारक और बहुत शर्मनाक है। उन्होंने आगे कहा, 'तीन दिनों से गूंजती बच्ची के परिवार के मदद की पुकार पर अगर प्रशासन ने ध्यान दिया होता तो शायद उसके जीवन की रक्षा हो सकती थी। एक और बेटी के जीवन का इस घिनौने अपराध से अंत हो गया। आखिर कब तक और कितने परिवारों को इस तरह रोना-तड़पना पड़ेगा?'
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया, 'अयोध्या में भागवत कथा सुनने गई एक दलित बच्ची के साथ जिस तरह की बर्बरता हुई, उसे सुनकर किसी भी इंसान की रूह कांप जाए। ऐसी क्रूर घटनाएं समूची मानवता को शर्मसार करती हैं। बच्ची तीन दिन से गायब थी लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। भाजपा के जंगलराज में दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और गरीबों की चीख कोई सुनने वाला नहीं है। यूपी सरकार दलितों पर अत्याचार का पर्याय बन गई है।'
राहुल ने आरोप लगाया, 'उत्तर प्रदेश सरकार इस अपराध की तुरंत जांच कर, दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा दिलवाने के साथ ज़िम्मेदार पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई करे। और कृपया कर पीड़ित परिवार को हमेशा की तरह प्रताड़ित न करें। देश की बेटियां और पूरा दलित समाज न्याय के लिए आपकी ओर देख रहा है।'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि बहुजन विरोधी भाजपा राज खास कर उत्तर प्रदेश में दलितों पर घृणित अत्याचार, अन्याय और हत्या बेलगाम बढ़ता जा रहा है।
हाथरस केस
अयोध्या की तरह ही हाथरस में भी एक दलित लड़की के साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। चार साल पहले 2020 में जब गैंगरेप की वारदात हुई थी तो शुरुआत में मुक़दमा दर्ज नहीं किया गया था। पीड़िता के इलाज के उचित इंतज़ाम नहीं हुए थे और राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल लाए जाने के बाद पीड़िता की मौत हो गई थी। पुलिस ने परिवार वालों की ग़ैर मौजूदगी में रातोरात उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घर वाले तड़पते रहे कि उन्हें कम से कम चेहरा दिखा दिए जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। इस पूरे मामले में परिवार की ओर से कई आरोप लगाए गए।
हाथरस में 19 साल की उस लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और दरिंदों ने उसकी जीभ भी काट दी थी। लड़की की पीठ में भी गहरी चोटें आई थीं। पुलिस ने बताया था कि उसकी गले की हड्डी में भी चोट है क्योंकि बलात्कारियों ने चुन्नी से उसका गला घोंटने की कोशिश की थी।
दलित बहनों का गैंगरेप, हत्या
दो साल पहले यूपी के लखीमपुर खीरी में दलित बहनों के सामूहिक बलात्कार और हत्या का गंभीर मामला आया था। घटना 14 सितंबर 2022 को हुई थी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार निघासन क्षेत्र के एक गांव की दो नाबालिग दलित बहनों का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के बाद उनकी बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। उनके शव गांव के पास गन्ने के खेत में पेड़ से लटके मिले थे।
बांदा में महिला के साथ हैवानियत
2023 के आख़िर में उत्तर प्रदेश के बांदा के एक गांव में 40 वर्षीय दलित महिला का शव आटा चक्की के फर्श पर क्षत-विक्षत अवस्था में मिला था। परिवार ने ऊंची जाति के लोगों पर सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस का कहना था कि यह एक दुर्घटना थी।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार पीड़िता के परिवार ने उसके कथित बलात्कार और हत्या की शाम को बांदा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने सामूहिक बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया। रिपोर्ट के अनुसार एक रिश्तेदार ने बताया था कि उन्होंने चीखें सुनी थीं और तीन लोगों को मिल से बाहर निकलते देखा था। उन्होंने तीन अन्य लोगों को पीछे की दीवार फांदते हुए भी देखा था।
मुजफ्फरनगर केस
2019 में यूपी के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले में एक नाबालिग़ दलित लड़की की बलात्कार कर हत्या दी गई थी। मृतक लड़की ईंट के भट्टे पर काम करती थी। तब ईंट भट्टे के मालिक और अन्य छह लोगों के खिलाफ़ केस दर्ज किया गया था। बीबीसी ने इंडियन एक्सप्रेस के हवाले से ख़बर दी थी कि इन सातों पर आरोप हैं कि इन्होंने पहले 14 साल की बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसके बाद उसे जलाकर मार डाला था।
महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध में यूपी अव्वल!
राज्य में दलित महिलाओं के ख़िलाफ़ रेप, गैंगरेप, उत्पीड़न के ढेरों मामले आते रहे हैं। 2023 में आई राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के खिलाफ अपराध मामले में 28 राज्यों में से उत्तर प्रदेश नंबर वन पर था। एबीपी न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 65,743 मामले दर्ज किए गए थे।