अखिलेश यादव ने फिर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'गर्मी निकाल देंगे' बयान पर हमला किया है। उन्होंने कहा है कि 'गर्मी निकले न निकले, लेकिन समाजवादी सरकार आएगी तो भर्ती निकालेगी'।
पिछले एक हफ्ते से अखिलेश यादव योगी के 'गर्मी निकाल देंगे' वाले उस बयान पर निशाना साध रहे हैं जिसमें उन्होंने 39 जनवरी को कहा था, 'कैराना से तमंचवाड़ी (बंदूक) पार्टी के उम्मीदवार धमकी दे रहे हैं कि गर्मी अभी तक शांत नहीं हुई है! 10 मार्च के बाद गर्मी दूर कर दी जाएगी।' इसके एक दिन बाद 30 जनवरी को उन्होंने ट्वीट किया था, 'ये गर्मी जो अभी कैराना में और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न... उसको शिमला बना देता हूँ।'
इसी का ज़िक्र करते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आगरा में रविवार को कहा, 'बाबा मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वह गर्मी निकाल देंगे। हम उन्हें बताना चाहते हैं कि चाहे वह ऐसा करने में सक्षम हों या नहीं, हम भर्तियों को निकाल देंगे।'
उन्होंने कहा, 'अगर समाजवादी पार्टी सत्ता में आती है तो हम भर्ती निकालेंगे, भले ही हमें सेना में भर्ती करनी पड़े।' उन्होंने कहा कि क्या हमारे मुख्यमंत्री कंप्रेसर हैं जो गर्मी निकाल देंगे? अखिलेश ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री दरअसल जनता से कह रहे हैं कि हमारी गर्मी निकाल दो, हम उत्तराखंड वापस जाना चाहते हैं।
इससे कुछ दिन पहले अखिलेश यादव के साथ एक चुनावी रैली में रालोद नेता जयंत चौधरी ने कहा था, “योगी आदित्यनाथ असहज सवालों से बचने के लिए असंसदीय भाषा का इस्तेमाल करते हैं। ऐसी भाषा से राज्य का विकास नहीं होगा। योगी आदित्यनाथ को इस बात का प्रबंध करना चाहिए कि वह राज्य में बेरोजगार युवाओं की 'गर्मी' कैसे निकालेंगे।"
बता दें कि इस महीने की शुरुआत में योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पर यह कहकर निशाना साधा था कि 'ये दो लड़कों की जोड़ी है'। उन्होंने इसके साथ ही 2017 और 2014 के चुनावों में भी 'दो लड़कों की जोड़ी' से तुलना करते हुए कहा कि उन चुनावों के जैसा ही इस जोड़ी का हस्र होगा।
योगी ने अखिलेश यादव पर 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में संलिप्तता का आरोप भी लगाया था। योगी आदित्यनाथ ने कहा था, 'ये जो दो लड़कों की जोड़ी आई है ना, ये दो लड़कों की जोड़ी 2014 में भी बनी थी, 2017 में भी बनी थी।'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनावी रैली में कहा, '2013 में जब मुजफ्फरनगर दंगा हुआ था तो दो जाट पुरुष - सचिन और गौरव - मारे गए थे। दोनों में से एक जो लखनऊ से है वह सत्ता में था... वह हत्या के लिए ज़िम्मेदार था। उसने दंगाइयों को राज्य की राजधानी बुलाया और उन्हें सम्मानित किया।' उनके इस बयान के साथ ही दोनों तरफ़ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।