मुठभेड़ में मारे गए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे के राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठते रहे हैं लेकिन अब इस पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इशारों में साफ़ तौर पर कहा है कि विकास दुबे की मुठभेड़ यूपी सरकार को गिरने से बचाने के लिए हुई है। ऐसा ही आरोप कांग्रेस नेता प्रियंका गाँधी वाड्रा ने भी लगाया है। गुरुवार को गिरफ़्तारी के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि विकास दुबे को मुठभेड़ में मारा जा सकता है।
शुक्रवार सुबह जब ख़बर आई कि जिस गाड़ी में विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से उत्तर प्रदेश के कानपुर ले जाया जा रहा था वह गाड़ी पलट गई है और मुठभेड़ में विकास दुबे को मार गिराया गया है तो अखिलेश यादव ने इसको लेकर ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट में मुठभेड़ पर सवाल उठाये।
इसके बाद प्रियंका गाँधी ने भी मुठभेड़ पर सवाल उठाया और लिखा कि अपराधी का तो अंत हो गया, लेकिन उसको संरक्षण देने वाले लोगों का क्या
बता दें कि मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ़्तार हुए उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर को कानपुर ले जाने के दौरान रास्ते में गाड़ी पलट गई। पुलिस ने दावा किया है कि इस हादसे के बाद विकास दुबे हथियार पुलिसकर्मियों से छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान मुठभेड़ हुई। पुलिस का कहना है कि उसने पुलिसकर्मियों पर गोली चला दी, इसके जवाब में पुलिस ने भी आत्म सुरक्षा में गोली चलाई। इसमें विकास दुबे को गोली लगी। इस घटना के बाद विकास दुबे को अस्पताल में लाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दुबे के बारे में कहा जाता है कि उसकी सभी राजनीतिक दलों में अच्छी पकड़ थी और वह जिला पंचायत का सदस्य भी रह चुका था। कई पार्टियों के नेता पंचायत और स्थानीय निकाय के चुनावों में दुबे की मदद लेते रहे थे। दुबे बहुजन समाज पार्टी में भी रह चुका था। विकास दुबे पर 60 आपराधिक मुक़दमे दर्ज थे। दुबे का नाम पहली बार चर्चा में तब आया था, जब उसने 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की पुलिस थाने के अंदर हत्या कर दी थी। शुक्ला राजनाथ सिंह की सरकार में मंत्री थे। विकास दुबे काफी समय से गैंग बनाकर लूटपाट और हत्याएँ कर रहा था और इसीलिए उसका एक लंबा आपराधिक इतिहास रहा था।