मेरठ में उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में गुरुवार को खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना मारा गया। अनिल दुजाना नोएडा, गाजियाबाद और दिल्ली में लोगों को आतंकित करने के लिए जाना जाता था। उस पर दर्जनों आपराधिक मामले थे। दुजाना एक सप्ताह पहले ही हत्या के एक मामले में जमानत मिलने के बाद जेल से छूटा था।
एक रिपोर्ट के अनुसार जेल से रिहाई के तुरंत बाद उसने अपने खिलाफ दर्ज हत्या के मामले के प्रमुख गवाहों में से एक को धमकाना शुरू कर दिया था। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार यूपी एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशालय अमिताभ यश ने कहा है कि दुजाना के खिलाफ 25 मामले दर्ज थे, जिनमें 18 हत्या के मामले शामिल थे। इन मामलों में दंगा, डकैती, और जबरन वसूली के छह मामले भी शामिल थे।
अधिकारी ने एएनआई से कहा, 'पश्चिमी यूपी का खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना यूपी एसटीएफ की मेरठ इकाई के साथ मुठभेड़ में मारा गया। उसके खिलाफ कई मामले दर्ज थे, वह कॉन्ट्रैक्ट किलर था और उसके खिलाफ हत्या के 18 मामले दर्ज थे।'
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, यूपी के दुजाना गांव के गुर्जर दुजाना का जन्म के समय नाम अनिल सिंह था, लेकिन उसको उसके जन्मस्थान के नाम से जाना जाने लगा। पुलिस ने कहा कि दुजाना पहली बार 2002 में नोएडा के सेक्टर-8 में एक व्यक्ति की हत्या करने के बाद उनके निशाने पर आया था।
एनडीटीवी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि दुजाना जमानत मिलने के बाद जेल से छूटा था और उसने अपने खिलाफ दर्ज हत्या के मामले के प्रमुख गवाहों में से एक को धमकाना शुरू कर दिया था। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दुजाना ने गवाह को मारने का फैसला किया था। इसके बाद एसटीएफ उसे गिरफ्तार करने के लिए गई। सूत्रों ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान, दुजाना और उसके गिरोह ने पुलिस को उलझा दिया, जिससे मुठभेड़ हुई और उसकी मौत हो गई। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाए हैं।
मुठभेड़ मेरठ के एक गांव में ऊंची झाड़ियों से घिरी कच्ची सड़क पर हुई। पुलिस ने कहा कि वह और उसका गिरोह वहां छिपे हुए थे और एसटीएफ के जवानों पर गोलियां चलाईं। पुलिस टीम ने तुरंत जवाबी फायर किया।
बता दें कि राज्य में लगातार आ रहे एनकाउंटर के मामलों को लेकर योगी सरकार की आलोचना की जाती रही है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार कहा है कि वह राज्य से खूंखार अपराधियों और गैंगस्टरों से छुटकारा पाने का इरादा रखते हैं। हाल ही में गैंगस्टर अतीक अहमद का बेटा असद एनकाउंटर में मारा गया था। फरवरी में बहुजन समाज पार्टी के एक नेता की हत्या के मामले के गवाह को गैंगस्टर अतीक अहमद के बेटे असद अहमद ने गोली मार दी थी। असद के पिता को भी यूपी के प्रयागराज में पत्रकारों से बात करते हुए एक अस्पताल के पास कैमरे में गोली मार दी गई थी।
यूपी पुलिस ने पिछले महीने कहा था कि मार्च 2017 से जब से योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने हैं, 183 गैंगस्टर मुठभेड़ों में मारे गए हैं। इस दौरान कार्रवाई में तेरह पुलिसकर्मी मारे गए।