उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री कमल रानी का रविवार सुबह कोरोना संक्रमण से निधन हो गया। वह 62 साल की थीं। राज्य की तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी को संक्रमण के बाद 18 जुलाई को लखनऊ के संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था।
रिपोर्टों में कहा गया है कि फेफड़ों में संक्रमण के बाद उनकी हालत बिगड़ गई थी। उन्हें पिछले कई दिनों से लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था।
कमल रानी कानपुर के घाटमपुर निर्वाचन क्षेत्र से विधायक थीं। वह 11वीं और 12वीं लोकसभा की सदस्य भी रही थीं। सांसद रहने के दौरान वह अलग-अलग संसदीय कमेटियों की सदस्य रही थीं। इससे पहले अपने राजनीतिक करियन की शुरुआती दिनों में वह 1989 से 1995 तक कानपुर महानगर परिषद की सदस्य रही थीं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमल रानी के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कमल रानी को एक समर्पित जननेत्री बताया।
मुख्यमंत्री ने अयोध्या में 5 अगस्त को लेकर तैयारियों की समीक्षा के लिए आज का प्रस्तावित दौरा रद्द कर दिया है। बता दें कि 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। कार्यक्रम में कोरोना संकट की वजह से 200 से ज़्यादा लोगों को आमंत्रित नहीं किया गया है। अयोध्या में ही कोरोना को लेकर स्थिति गंभीर इसलिए भी हो गई है कि मंदिर के एक पुजारी और सुरक्षा में तैनात 16 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। अयोध्या में रोज़ाना औसत रूप से 50 से ज़्यादा केस बढ़ रहे हैं।
पूरे राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार गंभीर होती जा रही है। राज्य में कोरोना के कारण 1,677 लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण के मामले 89 हज़ार से ज़्यादा हो गए हैं। राज्य में फ़िलहाल 34 हज़ार 968 लोग संक्रमित हैं। अब तक 48 हज़ार 863 मरीज़ पूरी तरह ठीक हो चुके हैं।