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यूपी जिला पंचायत: सत्ता के दम पर अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने में जुटी बीजेपी!

यूपी जिला पंचायत: सत्ता के दम पर अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने में जुटी बीजेपी!

उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनाव में दूसरे दलों के या निर्दलीय सदस्यों पर जोर-आज़माइश का दौर चल रहा है।

उत्तर प्रदेश के जिला पंचायत चुनाव में दूसरे दलों के या निर्दलीय सदस्यों पर जोर-आज़माइश का दौर चल रहा है। जो माना वो ठीक और जो न माना उस पर मुकदमों से लेकर जेल भिजवाने तक की कवायद चल रही है। प्रलोभनों से अपने पाले में लाने का सिलसिला जोरों पर है तो न मानने वालों के नामांकन पत्र को खारिज करा देने का तरीका भी जमकर अपनाया जा रहा है। 

उत्तर प्रदेश में बीजेपी आजकल इसी बाजीगरी में जुटी है। सूबे में पिछले महीने आए पंचायत चुनावों के नतीजों में हारकर तीसरे नंबर पर पहुंच गयी बीजेपी अब हर हाल में जिला पंचायत अध्यक्षों की कुर्सी हथियाने में जुट गयी है। 

हालात इतने बिगड़ गए हैं कि राज्य निर्वाचन आयोग ने बाकायदा नोटिस जारी कर एटा में जिला पंचायत सदस्यों को डराने-धमकाने के मामले में जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान को चेतावनी तक जारी कर दी है। 

नामांकन के ठीक पहले बाग़पत जिले में राष्ट्रीय लोकदल की प्रत्याशी ममता किशोर को पहले बीजेपी ने अपने पाले में खींचा पर कुछ ही देर में वो वापस अपने पुराने दल में पहुंच गयीं। बलरामपुर जिले में एसपी प्रत्याशी को ही गायब कर दिया तो पार्टी के लोग धरने पर बैठ गए। 

बाग़पत में प्रत्याशी को लेकर जंग 

बाग़पत जिले में आरएलडी ने जिला पंचायत सदस्य ममता किशोर को अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित किया था। पश्चिम यूपी में आरएलडी ने एसपी के साथ मिलकर पंचायत चुनाव लड़ा था। बाग़पत में एसपी-आरएलडी के जिला पंचायत सदस्य सबसे ज्यादा तादाद में जीते हैं। 

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए शनिवार को नामांकन होना था और इससे ठीक पहले बाग़पत के बीजेपी सांसद ने आरएलडी प्रत्याशी को पार्टी में शामिल करा दिया। हालांकि थोड़ी ही देर में ममता किशोर फिर से आरएलडी में वापस आ गयीं और अपनी दावेदारी ठोक कर मैदान में उतर गयी हैं। 

नामांकन से चंद घंटे पहले बीजेपी में शामिल हुईं आरएलडी प्रत्याशी ममता और पति ने मीडिया के सामने रोते हुए कहा कि सरकारी दबाव में वे वहां चले गए थे।

एटा के डीएम-एसपी को चेतावनी 

एसपी के बहुतायत जिला पंचायत सदस्य एटा जिले में जीते हैं और अध्यक्ष की कुर्सी पर इनकी मजबूती दावेदारी है। एसपी के कई जिला पंचायत सदस्यों पर प्रशासन की ओर से बीते दिनों में आपराधिक मुक़दमे दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की कवायद शुरू हो गयी। 

इस मामले को लेकर एसपी के प्रदेश नेतृत्व ने निर्वाचन आयोग के सामने ज्ञापन देकर विरोध जताया था। शुक्रवार शाम को राज्य निर्वाचन आयोग ने एटा के जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान को बाकायदा चेतावनी जारी की और कहा कि निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तारी की जा रही है जिससे वो मतदान में हिस्सा न ले सकें। 

आयोग ने इस पर आपत्ति जताते हुए गिरफ्तारी रोकने और मताधिकार से वंचित न करने को कहा।

 - Satya Hindi

प्रत्याशी के अपहरण का आरोप

अकेले बाग़पत, एटा ही नहीं प्रदेश के कई जिलों से इसी तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं। शनिवार को नामांकन के ठीक पहले बलरामपुर जिले में एसपी प्रत्याशी के अपहरण का आरोप लगाया गया है। एसपी नेता और पूर्व मंत्री एसपी यादव ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके प्रत्याशी का अपहरण किया गया। 

उन्होंने कहा कि एसपी के जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी का पर्चा छीना गया। अपने समर्थकों के साथ बीजेपी पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री एसपी यादव धरने पर बैठ गए हैं। सुल्तानपुर में जिला पंचायत के नामांकन में मीडिया को बाहर ही रोक दिया गया तो विपक्ष ने अंदर धांधली का आरोप लगाया। फर्रुख़ाबाद में जिला पंचायत सदस्यों पर भी मुकदमे दर्ज कर गिरफ्तारी की तलवार लटकाने का आरोप लगा है।

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कुलदीप सेंगर का साथी हुआ बागी 

शुक्रवार को उन्नाव जिले में पंचायत अध्यक्ष पद के प्रत्याशी अरुण सिंह का टिकट बीजेपी ने कुलदीप सेंगर का साथी होने व एफआईआर दर्ज होने के आरोप में काट दिया था। रेप पीड़िता का वीडियो सार्वजनिक होने के बाद खासी छीछालेदर हो जाने पर बीजेपी ने अरुण सिंह को बदल कर शकुन सिंह को प्रत्याशी बना दिया था। 

लेकिन शनिवार को अरुण सिंह ने भी दलबल के साथ पहुंचकर नामांकन भर दिया है। अरुण सिंह के साथ कुलदीप सेंगर के समर्थक व बीजेपी के कई जिला पंचायत सदस्य भी नजर आए।

एसपी ने पहली जीत दर्ज की 

तमाम कोशिशों के बाद उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में जिला पंचात अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में पहली जीत एसपी के ही हाथ लगी है। इटावा में एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पोते अंशुल यादव ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल कर ली है। इटावा जिले में ज्यादातर एसपी समर्थक जिला पंचायत सदस्य ही जीते थे और बीजेपी की स्थिति यहां खासी कमजोर थी।

एसपी संग आए राजभर 

पूर्वी यूपी में राजभर बिरादरी के बीच अच्छी पकड़ रखने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में एसपी का खुला समर्थन करने का एलान किया है। पार्टी अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि उनके सभी सदस्य एसपी के प्रत्याशियों को वोट देंगे। 

चंद्रशेखर रावण की आजाद समाज पार्टी पहले से ही इस चुनाव में एसपी के साथ खड़ी है। वहीं पश्चिम यूपी में कई जिलों में एसपी का समर्थन आरएलडी के प्रत्याशियों को है।

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