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केशव प्रसाद मौर्य को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विरोध क्यों झेलना पड़ा? 

केशव प्रसाद मौर्य को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में विरोध क्यों झेलना पड़ा? 

कौशांबी के सिराथू विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पहली बार क्षेत्र में पहुँचे केशव प्रसाद मौर्य का महिलाओं ने क्यों विरोध किया? जानिए क्या है वास्तविक कारण। 

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को शनिवार को अपने ही विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं का विरोध झेलना पड़ा। सोशल मीडिया पर इसके वीडियो वायरल हुए हैं। बीजेपी ने उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इसी सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वह पहली बार 2012 में इस सीट से चुने गए थे।

दरअसल, सिराथू सीट पर प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद पहली बार केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को कौशांबी ज़िले के सिराथू गए थे। कई जगहों पर उनका स्वागत हुआ तो केसरिया गांव में महिलाओं ने विरोध किया। वह एक जिला पंचायत सदस्य के घर गए जिसके घर के सदस्य 3 दिनों से लापता हैं। इसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पास के थाने में दर्ज कराई गई है।

इसी परिवार से मिलने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शनिवार को पहुंचे थे। उसी दौरान प्रदर्शनकारी महिलाएँ पुलिस की कार्य प्रणाली से संतुष्ट नहीं थीं। उन्होंने नारेबाजी भी की।

सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में स्थानीय लोगों के एक समूह को मौर्य के ख़िलाफ़ कथित रूप से विरोध करते देखा जा सकता है। वीडियो में महिलाओं को भी प्रदर्शन करते देखा जा सकता है। 

पीड़ित के घर पहुंचे केशव प्रसाद मौर्य ने पुलिस को इस पूरे मामले के उच्च अधिकारियों के जांच के आदेश दिए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मौर्य के साथ सिराथू आए पार्टी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा, 'केशव जी जिला पंचायत सदस्य राजेश मौर्य के परिवार से मिलने गए थे, जो पिछले तीन दिनों से लापता हैं। मामले में पुलिस की कार्रवाई से स्थानीय निवासी आक्रोशित हैं। कई सर्च टीमें बनाई गई हैं, फिर भी केशव जी ने राजेश के परिवार की मांग पर मामले में कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को विशेष टीम गठित करने का निर्देश जारी किया है।’

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