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चीन से लौटा शख्स कोरोना पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग होगी

चीन से लौटा शख्स कोरोना पॉजिटिव, जीनोम सीक्वेंसिंग होगी

जिस चीन में कोरोना के बीएफ़ 7 वैरिएंट से तबाही आई है, वहाँ से आगरा शहर में लौटे एक शख्स में कोरोना की पुष्टि हुई है। जानिए, क्या क़दम उठा रही है सरकार।

चीन से यूपी के आगरा में लौटे एक 40 वर्षीय व्यक्ति में कोविड-19 की पुष्टि हुई है। वह शख्स दो दिन पहले लौटा था। कोरोना संक्रमण का पता चलने के बाद उसे घर में आइसोलेट कर दिया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए उनके नमूने लखनऊ भेजे जाएँगे। यानी संक्रमित व्यक्ति किस वैरिएंट से संक्रमित है, इसकी जानकारी अभी नहीं लग पाई है।

लेकिन चिंता इस बात की है कि चीन में जो मौजूदा लहर आई है उसके लिए ओमिक्रॉन के बीएफ़ 7 वैरिएंट को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। बीएफ़.7 बहुत ज़्यादा संक्रामक है, इसका इनक्यूबेशन पीरिएड कम है और इसमें उन लोगों को भी संक्रमित करने की क्षमता ज़्यादा होती है, जिन्हें टीका लगा हुआ हो। बीएफ़ 7 सब-वैरिएंट में मूल वैरिएंट की तुलना में 4.4 गुना अधिक प्रतिरोध क्षमता है। इसका मतलब है कि टीका लगाए व्यक्ति या संक्रमित व्यक्ति के एंटीबॉडी से बीएफ़ 7 को ख़त्म करने की संभावना कम रहती है।

बहरहाल, चीन से जो शख्स लौटा है वह व्यक्ति 23 दिसंबर को दिल्ली के रास्ते चीन से आगरा आया था। इसके बाद एक निजी लैब में उसका परीक्षण किया गया था। 

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार आगरा के मुख्य चिकिस्ता अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने कहा, 'उस व्यक्ति को उसके घर पर अलग-थलग कर दिया गया है और स्वास्थ्य विभाग की टीमों को उसके परिवार के सदस्यों और उसके संपर्क में आने वालों का परीक्षण करने के लिए कहा गया है।' अधिकारियों ने कहा कि 25 नवंबर के बाद जिले में यह पहला कोविड पॉजिटिव मामला सामने आया है।

बता दें कि चीन सहित कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई क़दम उठाए हैं। 

केंद्र ने कहा है कि चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड के यात्रियों के लिए आरटी-पीसीआर परीक्षण अनिवार्य किया जाएगा। केंद्र सरकार ने राज्यों से 27 दिसंबर को एक मॉक ड्रिल करने को भी कहा है।

मॉक ड्रिल में सरकार बेड की उपलब्धता, मानव संसाधन, चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति श्रृंखला पर ध्यान केंद्रित करेगी। कोविड मामलों में पहले की लहरों में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे चरमरा गए थे, चिकित्सा ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजों की मौत के मामले सामने आए थे, और अस्पताल में बिस्तर खोजने के लिए दर-दर भटक रहे मरीजों के दिल दहला देने वाली तसवीरें सामने आई थीं। 

सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा था कि यह ज़रूरी है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आवश्यक स्वास्थ्य उपाय किए जाएँ। मंत्रालय ने कहा है कि इसीलिए मंगलवार को देश भर में सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।

एक दिन पहले ही शनिवार को कोरोना को रोकने के लिए दिल्ली और मुंबई के हवाईअड्डों पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जाँच शुरू हो गयी। दिल्ली में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल भी कोरोना से लड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी कर रहे हैं।

हर अंतरराष्ट्रीय उड़ान से आने वाले यात्रियों में से दो फीसदी की रैंडम चेकिंग शनिवार से की जा रही है। हर फ्लाइट में ऐसे यात्रियों की संबंधित एयरलाइंस द्वारा पहचान की जाएगी और नमूना लेने के बाद यात्रियों को एयरपोर्ट छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। एंट्री प्वाइंट पर सभी यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी और स्क्रीनिंग के दौरान लक्षण पाए जाने वालों को तुरंत अलग-थलग कर दिया जाएगा।

देश में 3,424 हुए सक्रिए केस

रविवार को अपडेट किए गए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 227 नये मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही अब सक्रिय मामले बढ़कर 3,424 हो गए।

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