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पंजाबः 10000 पुलिस वालों के ट्रांसफर, क्या ड्रग माफिया काबू आ पाएगा

पंजाबः 10000 पुलिस वालों के ट्रांसफर, क्या ड्रग माफिया काबू आ पाएगा

पंजाब के सीएम भगवंत मान का कहना है कि मैंने महसूस किया कि पुलिस वालों और ड्रग माफिया का जबरदस्त गठजोड़ है। इसलिए इतने बड़े पैमाने पर पुलिस वालों का तबादला करने का फैसला लिया गया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या इससे पंजाब का ड्रग माफिया मानेगाः

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का कहना है कि उन्होंने महसूस किया है कि पंजाब में ड्रग माफिया और पुलिस वालों के बीच साठगांठ है। इसलिए उन्होंने 10,000 पुलिस वालों के तबादले कर दिए हैं और अभी आगे भी बड़े पैमाने पर तबादले होंगे। इससे पहले मान ने डीजीपी गौरव यादव के साथ एक बैठक की, जिसमें कॉन्स्टेबल से लेकर दरोगा तक के तबादले करना का फैसला लिया गया। 

पंजाब में नशीले पदार्थों (ड्रग्स) का कारोबार जबरदस्त ढंग से चल रहा है, जिसमें पुलिस वाले ही नहीं नेताओं तक का संरक्षण ड्रग माफिया को मिला हुआ है। कई नेताओं के घर से ड्रग्स बरामद भी हो चुकी है और अब यह पंजाब की सबसे बड़ी समस्या बन गया है। इतने बड़े पैमाने पर पुलिस वालों के तबादले से ड्रग्स माफिया पर नियंत्रण मुश्किल है। क्योंकि तमाम प्रदेशों में ट्रांसफर एक धंधा बन गया है। क्या भगवंत मान इस बात से इनकार करेंगे कि पुलिस वालों का तबादला रुकवाने के लिए जब उनके विधायक और मंत्री उन पर दबाव डालेंगे तो क्या वो नहीं मानेंगे।

उन्होंने कहा कि तमाम गांवों में लोगों ने खुद पुलिस चौकी में जाकर ड्रग माफिया के खिलाफ शिकाय की लेकिन शिकायतों को कोई तवज्जो नहीं दी गई। गांव वालों के लौटने से पहले ही ऐसे आरोपियों को छोड़ दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “पुलिस थानों और चौकियों में मुंशी स्तर पर साठगांठ है। थानेदार 10-20 साल से एक ही थाने में टिके हुए हैं। इसीलिए सामूहिक तबादलों का आदेश दिया गया है। अगर किसी पुलिस अधिकारी की कोई सांठगांठ पाई गई तो उसे फौरन बर्खास्त कर दिया जाएगा। अगले सात दिनों में उनकी संपत्ति जब्त कर जांच कराई जायेगी। अगर किसी पुलिस अधिकारी की ड्रग माफिया से मिलीभगत है तो यह पाप है। उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।''

भगवंत मान ने बताया कि लोकसभा चुनाव के दौरान मैंने ड्रग्स की बरामदगी का एक डेटा तैयार कराया। पंजाब में चुनाव आचार संहिता 16 मार्च से लागू हो गई थी और मतदान सबसे आखिरी चरण में 1 जून को हुआ था। उन्होंने कहा कि ये डेटाबेस करीब 9000 संदिग्ध आरोपियों का है। ये सारे आरोपी ड्रग्स को इधर-उधर पहुंचान के कारोबार में शामिल हैं। पुलिस ने कम से कम 750 हॉटस्पॉट की पहचान की है जहां दवाएं बेची जाती हैं। आने वाले दिनों में गिरफ्तारियां होंगी, किसी को हैरानी नहीं होना चाहिए।

डीजीपी गौरव यादव ने कहा, “पुलिस नियमों में बड़े पैमाने पर बदलाव हुए हैं। अब कोई भी पुलिस अधिकारी नौ साल से अधिक समय तक एक ही स्थान पर तैनात नहीं रह सकता। अपने गृह जिले में भी तैनात नहीं रह सकता है। आने वाले दिनों में और भी तबादले होंगे।”

पंजाब में नशीली दवाओं का कारोबार चिंताजनक स्थिति में पहुंच गया है। पंजाब के गांवों में किराने की दुकानों, और कस्बों में ओवरब्रिज के नीचे भी नशीली दवाएं बेची जा रही हैं। मुख्यमंत्री मान ने बताया कि ''डीजीपी से ड्रग्स माफिया के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कहा गया है। नशा बेचने वाले जेल जाएंगे, उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी और नशा करने वालों को अस्पताल पहुंचाया जाएगा। हमारे पास नशामुक्ति और उनके पुनर्वास के लिए योजना तैयार है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2002 से राज्य में पुलिस कर्मियों की संख्या लगभग 81,000 है। हमें संख्या बढ़ाने की जरूरत है। डीजीपी को कम से कम 10,000 पुलिसकर्मियों की भर्ती का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बॉर्डर से नशीली दवाओं की सप्लाई होती है। दुश्मन देश हमारे इलाके में ड्रोन के जरिए न सिर्फ ड्रग्स भेज रहा है, बल्कि पिस्तौल और पैसे भी ड्रोन से पहुंचाए जा रहे हैं। हम गैंगस्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे।

भगवंत मान ने कहा कि जिला उपायुक्तों (डीसी) को भी अब ड्रग्स तस्करी के लिए जवाबदेह बनाया जाएगा। अब मैंने पुलिस कर्मियों को स्पष्ट कर दिया है कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस में तस्करों के साथ सांठगांठ करने वाले पुलिस अफसरों को हटाया जाएगा। पंजाब सरकार एक मिशन पर काम कर रही है, कमीशन पर नहीं।

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