उद्धव ठाकरे : जेएनयू हमले से मुंबई आतंकवादी हमलों की याद आ गई

03:51 pm Jan 06, 2020 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

क्या जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार रात को हुए हमलों की तुलना आतंकवादी हमले से की जा सकती है? क्या नकाबपोश गुंडों का यह हमला वैसा ही था, जैसा 26/11 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने मुंबई में किया था?

यह सवाल बेहद अहम इसलिए है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हमले की तुलना मुंबई हमले से की है।

‘मुझे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की याद आ गई। इन नकाबपोश हमलावरों के पीछे कौन लोग थे, इसकी जाँच की ज़रूरत है।’


उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

ठाकरे के कहने का क्या है मतलब?

उद्धव ठाकरे का यह कहना महत्वपूर्ण इसलिए है कि उनकी पार्टी शिवसेना कुछ हफ़्ते पहले तक उसी बीजेपी के साथ थी, जिसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पर हमले का आरोप लगाया जा रहा है। यह मजेदार भी है क्योंकि शिवसेना और बीजेपी 25 साल तक चुनाव में एक साथ तो रहीं ही, उनके बीच सैद्धांतिक और वैचारिक समानता भी थे। दोनों ही उग्र हिन्दुत्व के समर्थक हैं और इस मामले में शिवसेना अधिक उग्र है। शिवसेना सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में बहस के दौरान बीते दिनों बीजेपी पर तंज करते हुए कहा था, ‘आप जिस स्कूल के छात्र हैं, हम उसके हेडमास्टर हैं।’ 

निष्पक्ष न्यायिक जाँच हो : सोनिया

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने भी इस वारदात की निष्पक्ष जाँच की माँग की है। सोनिया गाँधी ने एक बयान में कहा : भारत के युवाओं और छात्रों की आवाज़ को दबाया जा रहा है। मोदी सरकार की शह पर युवाओं पर गुंडों का भयानक और अभूतपूर्व हमला निंदनीय और एकदम अस्वीकार्य है। कल जेएनयू में छात्रों और शिक्षकों पर हुआ हाड़ कंपाने वाला हमला यह दिखाता है कि असहमति के हर स्वर को दबाने और कुचलने के लिए सरकार किस हद तक जा सकती है। छात्रों और युवाओं को उनकी क्षमता के अंदर शिक्षा, योग्यता के अनुसार नौकरी और लोकतांत्रिक व्यवस्था चाहिए। यह दुखद है कि सरकार उनकी आकांक्षाओं का गला दबा देना चाहती है। कांग्रेस पार्टी इन युवाओं के साथ मजबूती से खड़ी है। पार्टी इस सरकार-प्रायोजित हिंसा  की निंदा करती है और इस पूरे मामले की निष्पक्षल न्यायिक जाँच की माँग करती है। 

दिल्ली पुलिस को महिला आयोग का नोटिस

दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने इस मामले में दिल्ली पुलिस के आला अफ़सरों को तलब किया है। उन्होंने जेएनयू परिसर में छात्राओं पर हुए हमले की वजह से पुलिस को नोटिस जारी किया है। मालीवाल ने एफ़आईआर की विस्तृत रिपोर्ट माँगी है और पूछा है कि हमले की जानकारी देने के तुरन्त बाद पुलिस वहाँ क्यों नहीं गई।