+
बाल साहब ठाकरे जयंती पर उद्धव और शिंदे फिर आमने-सामने

बाल साहब ठाकरे जयंती पर उद्धव और शिंदे फिर आमने-सामने

महाराष्ट्र में आज सोमवार को बाला साहेब ठाकरे जयंती मनाई जा रही है। मुंबई में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट शक्ति प्रदर्शन में जुटे हुए हैं। 

शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की आज जयंती है। इस मौके पर उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक बार फिर आमने-सामने हैं। उद्धव ठाकरे जहां मुंबई के षणमुखनंदा हॉल में शिव सैनिकों को संबोधित करेंगे वही एकनाथ शिंदे भी बाला साहेब ठाकरे के अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। दरअसल उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच बाला साहेब ठाकरे नाम को लेकर ही जंग चल रही है। दोनों ही नेता अपने आप को बाला साहेब ठाकरे का असली उत्तराधिकारी बता रहे हैं। 

शिवसेना प्रमुख और दिवंगत बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर भी राजनीति शुरू हो गई है। मुंबई में आज बाला साहेब ठाकरे को लेकर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने सरकारी निवास स्थान पर बाला साहेब ठाकरे को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उधर उद्धव ठाकरे भी सोमवार को गेटवे ऑफ इंडिया के पास बालासाहेब ठाकरे की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगे और श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा उद्धव ठाकरे माटुंगा के षणमुखानंद हॉल में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। 

वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र विधान भवन में बाला साहेब के तैल चित्र अनावरण करने का भी कार्यक्रम रखा गया है जिसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है। इस कार्यक्रम को महाराष्ट्र सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है लेकिन निमंत्रण पत्र में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और बाला साहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे का नाम नहीं है। शिवसेना प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा है कि बाला साहेब ठाकरे किसी एक व्यक्ति के नहीं हैं बल्कि महाराष्ट्र सहित पूरे देश के जनमानस के नेता हैं। राउत ने कहा कि उद्धव ठाकरे को विधान भवन के कार्यक्रम में नहीं बुलाकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपनी मानसिकता दर्शा दी है। महाराष्ट्र की जनता बालासाहेब के प्रति सच्ची निष्ठा रखने वाले शिव सैनिकों और गद्दारों की राजनीति समझ रही है। 

रविवार को शिवसेना के मुखपत्र सामना में पहले पन्ने पर विज्ञापन छाप कर उद्धव ठाकरे गुट ने शिंदे गुट पर निशाना साधा है। इस विज्ञापन में लिखा गया है कि, साहेब मैं गद्दार नहीं हूं। 40 गद्दारों को दफना कर जब फिर से उसी उम्मीद के साथ खड़े होंगे। तभी आपको अभिवादन करने पर हमें संतोष होगा। उधर आदित्य ठाकरे ने भी सरकार द्वारा विधान भवन में आयोजित किए जा रहे तैल चित्र अनावरण कार्यक्रम पर निशाना साधा है। आदित्य ठाकरे का कहना है कि मेरे दादाजी भी कहेंगे कि मेरे तेल चित्रों का अनावरण गद्दारों ने किया था।

उधर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और बालासाहेबांची शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे भी बाला साहब ठाकरे के पुतले पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इसके अलावा एकनाथ शिंदे बाला साहब ठाकरे आरोग्य रत्न पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेंगे जिसमें "मां सुरक्षित, तो घर सुरक्षित" अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत करेंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र विधान भवन में ही हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे की जयंती के मौके पर मोतियाबिंद मुक्त अभियान की शुरुआत भी करेंगे। 

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जब से शिवसेना से बगावत की है तभी से बाला साहेब ठाकरे के नाम को आगे लेकर ले जाने की बात करते आए हैं। एकनाथ शिंदे हमेशा अपने भाषणों में कहते हैं कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व के साथ समझौता कर लिया था लिहाजा उद्धव ठाकरे का बाला साहब ठाकरे की शिवसेना से कोई लेना देना नहीं है। यही कारण है कि वह चुनाव आयोग से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अपने आप को शिवसेना का असली उत्तराधिकारी बताते आए हैं।

एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता और उप नेता कृष्णा हेगड़े का कहना है कि बाला साहेब ठाकरे उद्धव ठाकरे के पिता हैं और उन्हें विधान भवन में होने वाले बाला साहब ठाकरे के तैल चित्र कार्यक्रम का न्यौता दिया गया है और उन्हें इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए। बाला साहेब ठाकरे हिंदुत्व के प्रतीक रहे हैं इसलिए हर किसी का हक बाला साहब ठाकरे को ऊपर है। कृष्णा हेगड़े ने उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि ठाकरे हिंदुत्व के प्रतीक बाला साहेब ठाकरे के विचारों को भूल गए थे यही कारण है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अब बाला साहेब ठाकरे के विचारों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें