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उदयपुर- हत्या के आरोपियों का संबंध मुंबई आतंकी हमले से: रिपोर्ट

उदयपुर- हत्या के आरोपियों का संबंध मुंबई आतंकी हमले से: रिपोर्ट

राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल के हत्यारे ने आख़िर 5000 रुपये ज़्यादा चुकाकर 2611 नंबर की बाइक क्यों खरीदी थी? क्या इस नंबर का 26/11 मुंबई आतंकी हमले से है?

उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की निर्मम हत्या की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी रियाज अटारी की बाइक का रजिस्ट्रेशन नंबर मुंबई आतंकी हमले से जुड़ा था। ऐसा मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है। मुंबई हमले की तारीख़ से जुड़े बाइक नंबर के पीछे आरोपियों की मंशा की और जाँच की जाएगी।

एक रिपोर्ट के अनुसार हत्या के आरोपी रियाज ने अपनी बाइक का नंबर आरजे27एएस 2611 को पाने के लिए 5000 रुपये अधिक चुकाया था। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आरोपी ने 2611 नंबर 26 नवंबर, 2011 को मुंबई में हुए आतंकी हमले को याद करने के लिए खरीदा था। पुलिस टीम बाइक की खरीद और आरोपी ने विशेष नंबर कैसे लिया, इसके बारे में और जानकारी जुटा रही है।

पुलिस के अनुसार 29 जून को कन्हैया लाल की उसकी दुकान में हत्या के बाद आरोपी इसी बाइक पर भागे थे लेकिन बाद में उदयपुर के पड़ेसी जिले राजसमंद के भीमा कस्बे में गिरफ्तार कर लिए गए।

दर्जी की हत्या में रियाज अख्तरी के अलावा गोस मोहम्मद आरोपी है। 

पुलिस सूत्रों का कहना है कि रियाज ने जानबूझकर 2611 नंबर मांगा और इस नंबर प्लेट के लिए 5,000 रुपये ज़्यादा चुकाए। यह इस भयावह अपराध और इसकी योजना में महत्वपूर्ण सुराग प्रदान कर सकता है।

पुलिस का मानना ​​​​है कि नंबर प्लेट से यह पता चलता है कि रियाज के दिमाग में 2014 की शुरुआत से क्या चल रहा था, इसका एक सुराग भी हो सकता है। एनडीटीवी ने पुलिस सूत्रों के हवाले बताया है कि रियाज के पासपोर्ट से पता चलता है कि वह 2014 में नेपाल गया था। उसके मोबाइल डेटा से यह भी पता चलता है कि उसके फोन का इस्तेमाल पाकिस्तान में कॉल करने के लिए किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) के रिकॉर्ड बताते हैं कि रियाज अख्तरी ने 2013 में एचडीएफ़सी से कर्ज लेकर बाइक खरीदी थी। वाहन का बीमा मार्च 2014 में समाप्त हो गया था।

बता दें कि कन्हैया लाल की हत्या के मामले में उदयपुर के महानिरीक्षक और पुलिस अधीक्षक सहित भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस के 32 अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है। दोनों आरोपियों को कल कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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