पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को अहम जिम्मेदारी देते हुए कृष्णानगर (नदिया उत्तर) जिले का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया है।
महुआ मोइत्रा ने नई जिम्मेदारी मिलने पर सीएम ममता बनर्जी को धन्यवाद कहा है। कृष्णानगर की सीट से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा को तृणमूल कांग्रेस ने ऐसे समय में यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है, जब वह लोकसभा में रिश्वत लेकर सवाल पूछने के आरोपों से घिरी हुई हैं।
पिछले दिनों ही लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने उन्हें निष्कासित करने की सिफारिश की थी। टीएमसी संगठन में हुआ यह फेरबदल राजनैतिक रूप से कई संदेश भी देता है।
इसका महत्व इसलिए भी है कि 2024 में लोकसभा चुनाव है और माना जा रहा है कि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को यह अहम जिम्मेदारी देकर अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत कर दी है।
हाल के दिनों में यह बातें कही जा रही थी कि महुआ जब से विवादों में फंसी हैं पार्टी ने उनका साथ मजबूती से नहीं दिया है। अब टीएमसी ने इस तरह की बातों को गलत साबित करते हुए महुआ पर भरोसा जताया है।
महुआ ने पिछले दिनों ही कहा था कि वह अगले लोकसभा चुनाव में पहले से कहीं ज्यादा वोट लेकर संसद पहुंचेंगी। अब इस नयी जिम्मेदारी के बाद माना जा रहा है कि महुआ पहले से ज्यादा मजबूत हुई हैं। अब पार्टी के बड़े नेता भी उनके पक्ष में खुलकर बोलने लगे हैं।
एथिक्स कमेटी ने भेज दी है जांच रिपोर्ट
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक रिश्वत लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में महुआ के खिलाफ पार्लियामेंट एथिक्स कमेटी ने जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट 10 नवंबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को भेज दी है। अब स्पीकर इस मामले में आगे क्या फैसला लेंगे इसका पता अगले कुछ दिनों में चलेगा।महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्विट कर लिखा है कि "मुझे कृष्णानगर (नादिया उत्तर) का जिला अध्यक्ष नियुक्त करने के लिए ममता दीदी और तृणमूल कांग्रेस को धन्यवाद। मैं कृष्णानगर के लोगों के लिए पार्टी के साथ हमेशा काम करूंगी।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिख कर आरोप लगाए था कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और उपहार लिए थे।
निशिकांत दुबे ने महुआ के एक्स पार्टनर और वकील जय अनंत देहद्राई की लिखी चिट्ठी को आधार बनाकर ये आरोप लगाए थे।
रद्द हो सकती है महुआ की सांसदी
शिकायत के बाद मामला लोकसभा की एथिक्स कमेटी के पास जांच के लिए गया था। एथिक्स कमेटी के पास पेश हुई महुआ मोइत्रा ने कमेटी पर ही गंभीर आरोप लगाये थे। महुआ ने आरोप लगाया था कि कमेटी ने उनको अपमानित किया है। इस कमेटी में भाजपा और एनडीए के सांसदों का बहुमत है।वहीं अपनी जांच में एथिक्स कमेटी ने महुआ मोइत्रा के अपराध को गंभीर माना था। सूत्रों के मुताबिक, कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की थी। मोइत्रा के खिलाफ इस रिपोर्ट को एथिक्स कमेटी ने गुरुवार की बैठक में मंजूरी दी थी। इस रिपोर्ट के समर्थन में 6 और विरोध में 4 सांसदों ने वोट किया था।
कमेटी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह रिपोर्ट बीते शुक्रवार को सौंप दी थी। अब लोकसभा अध्यक्ष क्या फैसला लेंगे यह तो आने वाला समय बतायेगा लेकिन अटकले लगाई जा रही हैं कि ममता मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द की जा सकती है। उन पर लगाये गये आरोप काफी गंभीर हैं और इस तरह के आरोप में पहले भी सांसदों की सदस्यता जा चुकी है।