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यूपी चुनाव: तीसरे चरण में ‘यादव लैंड’ में है मुकाबला

यूपी चुनाव: तीसरे चरण में ‘यादव लैंड’ में है मुकाबला

दूसरे चरण में 59 सीटों पर वोटिंग होनी है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 59 सीटों में से 49 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 9 सीटें समाजवादी पार्टी और एक सीट कांग्रेस की झोली में गई थी। 

उत्तर प्रदेश में 20 फरवरी को तीसरे चरण में 59 सीटों पर वोटिंग होनी है। इन सीटों में अधिकतर सीटों पर यादव मतदाता प्रभावी हैं जबकि इसके बाद मुसलिम मतदाता भी कई सीटों पर हार-जीत तय करने की हैसियत रखते हैं।

इस चरण में 16 जिलों- हाथरस, फिरोजाबाद, कन्नौज, इटावा, औरिया, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कासगंज, एटा, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी, ललितपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में मतदान होगा। 

ये हैं बड़े चेहरे

अखिलेश यादव मैनपुरी जिले की करहल सीट से चुनाव मैदान में हैं और उनके सामने बीजेपी के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल हैं। योगी सरकार के मंत्री रामनरेश अग्निहोत्री मैनपुरी की भोगांव विधानसभा सीट से, सतीश महाना महाराजपुर से, रामवीर उपाध्याय सादाबाद से, पूर्व आईपीएस अफ़सर असीम अरुण कन्नौज और शिवपाल यादव जसवंतनगर से चुनाव मैदान में हैं। 

49 सीटों पर जीती थी बीजेपी

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 59 सीटों में से 49 सीटों पर जीत मिली थी जबकि 9 सीटें समाजवादी पार्टी और एक सीट कांग्रेस की झोली में गई थी। तब समाजवादी पार्टी को अपने गढ़ माने जाने वाले इस इलाके में बड़ा झटका लगा था लेकिन इस बार सपा मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उम्मीद है कि इस इलाके में यादव मतदाता समाजवादी पार्टी का साथ देंगे।

इसलिए अखिलेश चुनावी सभाओं में मतदाताओं से कह रहे हैं कि जो लोग गर्मी निकाल रहे थे उन्हें ठंडा करने का काम बुंदेलखंड के लोगों को करना है। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह यहां पर योगी सरकार में माफियाओं के खत्म होने को चुनाव के मंच से दोहरा रहे हैं।

 - Satya Hindi

बुंदेलखंड में भी बीजेपी को 2017 के चुनाव में बड़ी कामयाबी मिली थी और उसने इस इलाके की सभी 19 सीटों पर जीत हासिल की थी। 

मुश्किल में बीजेपी!

उत्तर प्रदेश में पहले और दूसरे चरण में जाटलैंड और मुसलिम बहुल सीटों पर मतदान हुआ। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पहले और दूसरे चरण की सीटों पर बीजेपी को आरएलडी और सपा ने जोरदार टक्कर दी है और उसके लिए पिछले विधानसभा चुनाव जैसा प्रदर्शन दोहरा पाना बेहद मुश्किल दिख रहा है। इसके अलावा किसान भी बीजेपी को हराने की अपील कर चुके हैं। 

लेकिन देखना होगा कि इस चरण में यादव मतदाता फिर से बीजेपी का साथ देते हैं या फिर सपा को चुनते हैं। 

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