पूरे देश को हिला कर रख देने वाले हैदराबाद की डॉक्टर के बलात्कार और हत्याकांड के मामले में चार दिन बाद अब रविवार को तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव का पहली बार इस घटना पर बयान आया है। उन्होंने बयान जारी कर आदेश दिया है कि इस मामले की जाँच के लिए फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट गठित होगा। उन्होंने पीड़िता के परिवार को सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया है।
बता दें कि इस इस घटना के बाद तेलंगाना ही नहीं पूरे देश भर में सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक पर आरोपियों और पुलिस लापरवाही के ख़िलाफ़ ग़ुस्सा है। लोगों में ग़ुस्सा इस माँग को लेकर भी है कि दोषियों को फाँसी की सजा तुरंत दी जाए। इसी ग़ुस्से के बाद चार आरोपियों को घटना के 48 घंटे के भीतर ग़िरफ़्तार किया गया और तीन पुलिसकर्मियों को एफ़आईआर लिखने में कथित रूप से लापरवाही बरतने के मामले में निलंबित किया गया है। हालाँकि इसके बाद भी लोगों का ग़ुस्सा कम नहीं हुआ है। दरअसल, यह वारदात ही मानवीयता को शर्मसार करने वाली है। इस घटना को लेकर पुलिस की जो शुरुआती रिपोर्ट आई है उसमें आरोपियों की हैरान कर देने वाली करतूत सामने आई है।
चीख रोकने के लिए पीड़िता के मुँह में डाली थी शराब
पुलिस रिपोर्ट में ख़ुलासा हुआ है कि चारों ने पहले से ही इसकी साज़िश रची थी। आरोपियों के बयान के आधार पर तैयार इस रिपोर्ट के अनुसार, जब महिला डॉक्टर की स्कूटी देखी तभी आरोपियों ने इस वारदात की साज़िश रची थी। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि टायर भी आरोपियों ने ही पंक्चर किया था और हत्या से पहले हैवानियत की थी।
अब गिरफ़्तार आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। गिरफ़्तार आरोपियों में शामिल हैं- मुहम्मद आरिफ़, जोलु शिवा, जोलु नवीन और सी केशवुलु। इन चारों आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने रिमांड रिपोर्ट तैयार की है। 'एनडीटीवी' ने इस दस्तावेज़ के आधार पर रिपोर्ट में कहा है कि आरोपियों ने महिला डॉक्टर की स्कूटी के एक टायर को पंक्चर कर दिया था। डॉक्टर स्कूटी खड़ी कर शाम क़रीब 6.15 बजे टैक्सी से क्लीनिक चली गईं थीं। इसके बाद चारों आरोपी शराब पीते रहे।
रिपोर्ट के अनुसार, जब रात 9.15 बजे डॉक्टर लौटीं तो टायर पंक्चर था। इसी दौरान आरोपी सहायता करने के बहाने उनके पास गए। उनमें से तीन आरोपी जबरन उन्हें टोल गेट के पास ही झाड़ियों में ले गए। वह सहायता के लिए चीखती-चिल्लाती रहीं। पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, इसी दौरान आरोपियों ने आवाज़ बंद करने के लिए डॉक्टर के मुँह में शराब डाल दी। आरोपियों ने बलात्कार किया और तब तक ज़्यादती की जब तक कि वह अचेत नहीं हो गईं। ख़ून से लथपथ डॉक्टर जब होश में आईं तो आरोपियों ने उसका मुँह बंद कर मार डाला। इसके बाद कंबल में लपेटकर आरोपी शव को पुल के नीचे ले गए और पेट्रोल डालकर रात क़रीब 2.30 बजे आग लगा दी।
चारों आरोपी ट्रक चालक और खलासी हैं। पुलिस की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आरोपियों में से एक ट्रक चालक ऐसा भी है जिसके पास दो साल से लाइसेंस नहीं था। उसका ट्रक एक दिन पहले ही पूरे क़ाग़जात नहीं होने के कारण पकड़ा गया था, हालाँकि ट्रक को ज़ब्त नहीं किया गया था।
बता दें कि डॉक्टर के बलात्कार-हत्याकांड के इस मामले में शनिवार को पूरे तेलंगाना में विरोध-प्रदर्शन हुआ था। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की माँग उठ रही है। लोगों का ग़ुस्सा इस बात को लेकर भी है कि पीड़िता डॉक्टर के परिजन रात क़रीब दस बजे ही उनके गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराने गए थे लेकिन कार्रवाई करने में देरी की गई। परिजनों का भी कहना है कि तत्काल कार्रवाई होने पर डॉक्टर की जान बचाई जा सकती थी। ऐसी लापरवाही पर ही एक सब-इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस कर्मियों को निलंबित किया गया है।
इस मामले में भारी दबाव के बाद साइबराबाद पुलिस सक्रिय हुई थी। हालाँकि, पुलिस यह भी दावा कर रही है कि 48 घंटे में आरोपियों को पकड़ लिया है। पुलिस के आरोपियों तक पहुँचने में टोल से कुछ दूरी पर टायर पंक्चर दुरुस्त करने वाला मैकेनिक और सीसीटीवी फुटेज मददगार साबित हुए। पहला साक्ष्य टायर पंक्चर को दुरुस्त करने वाले मैकेनिक से ही मिला। उसने दावा किया था कि लाल रंग की मास्ट्रो बाइक पर एक युवक खाली टायर में हवा भराने आया था। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसके बाद संभावित आरोपियों के मोबाइल फ़ोन की लोकेशन से भी घटना के वक़्त और जगह पर होने की बात कही गई। फिर पुलिस ने एक के बाद एक चारों आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया।