तमिलिसाई सुंदरराजन ने तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया है। लोकसभा चुनाव से पहले उनके इस्तीफे से इस कयास को बल मिला है कि उनको चुनाव लड़ाया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु या पुडुचेरी से टिकट दिया जा सकता है।
सुंदरराजन ने नवंबर 2019 में तत्कालीन तेलंगाना राज्य के दूसरे राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी और फरवरी 2021 में उन्हें पुडुचेरी के उपराज्यपाल के रूप में अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
तमिलिसाई का अचानक लिया गया फैसला चौंकाने वाला है। तेलंगाना राजभवन की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, 'तेलंगाना की माननीय राज्यपाल और पुडुचेरी की उपराज्यपाल डॉ. श्रीमती तमिलिसाई सुंदरराजन ने तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा भारत की माननीय राष्ट्रपति को सौंप दिया गया है।'
सुंदरराजन बीजेपी की तमिलनाडु इकाई की प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। सुंदरराजन तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी की पूर्व अध्यक्ष कुमारी आनंदन की बेटी और व्यवसायी व राजनीतिज्ञ एच वसंतकुमार की भतीजी हैं। पेशे से एक चिकित्सक उन्होंने अपना करियर स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में शुरू किया और सोनोलॉजी और भ्रूण चिकित्सा में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया है।
सुंदरराजन ने 1999 में दक्षिण चेन्नई जिला मेडिकल विंग के सचिव, 2001 में मेडिकल विंग के राज्य महासचिव, 2005 में अखिल भारतीय सह-संयोजक (दक्षिणी राज्यों के लिए मेडिकल विंग), 2007 में राज्य महासचिव के रूप में भाजपा की राज्य इकाई में कार्य किया।
सुंदरराजन ने थूथुकुडी सीट से 2019 का चुनाव लड़ा, लेकिन उनकी बुरी हार हुई। उन्होंने 2009 में चेन्नई (उत्तर) सीट से भी चुनाव लड़ा और वह भी हार गई थीं। उन्होंने तीन बार तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव भी लड़ा- 2006 में राधापुरम से, 2011 में वेलाचेरी से और 2016 में विरुगमपक्कम से। वह तीनों चुनाव हार गई थीं।
रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि पुडुचेरी के अलावा ऐसी भी अटकलें हैं कि उन्हें तमिलनाडु की तीन सीटों में से एक से मैदान में उतारा जा सकता है, जिसमें सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की कनिमोझी की थूथुकुडी सीट भी शामिल है।