तमिलनाडु ने अडानी ग्रुप से जुड़ा स्मार्ट मीटर टेंडर रद्द किया
तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (TANGEDCO) ने स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के लिए अपना ग्लोबल टेंडर रद्द कर दिया है। अडानी समूह ने चार पैकेजों में से एक के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। लेकिन चारों तरफ से विवाद सामने आने के बाद तमिलनाडु की कंपनी ने टेंडर रद्द कर दिया। उसने स्पष्ट किया है कि उसका अडानी समूह के साथ कोई "व्यावसायिक संबंध" नहीं है। टैंजेडको तमिलनाडु सरकार की कंपनी है।
सूत्रों ने कहा कि हालांकि अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (एईएसएल) चेन्नई, तिरुवल्लूर और चेंगलपट्टू सहित आठ जिलों में 82 लाख स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी, लेकिन टैंजेडको को लगा कि कंपनी द्वारा बताई गई कीमत "बहुत ज्यादा यानी हाई" है और उसने इसे रद्द करने का फैसला किया। कीमत कम करने के लिए कंपनी से बातचीत के बाद टेंडर प्रक्रिया विफल हो गई।
टैंजेडको से जुड़े एक सूत्र ने मीडिया को बताया कि “एईएसएल द्वारा टैंजेडको को बताई गई कीमत आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी जैसे अन्य राज्यों को दी जाने वाली प्रति माह 120 रुपये प्रति मीटर से अधिक थी। जबकि अन्य राज्यों की तुलना में तमिलनाडु ने भारी मात्रा में ऑर्डर प्रस्तावित किया था।''
तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनी ने केंद्र की 19,000 करोड़ रुपये की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत कुल 3 करोड़ स्मार्ट मीटर स्थापित करने के लिए अगस्त 2023 में जारी टेंडर के तीन अन्य पैकेजों को भी "प्रशासनिक कारणों" का हवाला देते हुए 28 दिसंबर को रद्द किया था।
नवंबर में एक अमेरिकी अदालत में अडानी पर आरोप लगने के बाद, तमिलनाडु के ऊर्जा मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने कहा था कि TANGEDCO का अडानी समूह के साथ कोई "व्यावसायिक संबंध" नहीं है और राज्य सरकार ने केवल भारतीय सौर ऊर्जा निगम (SECI) के साथ "सस्ते दामों" पर सोलर एनर्जी की खरीद के लिए समझौता किया है।"
ऐसा माना जाता है कि अडानी समूह और उसके अध्यक्ष गौतम अडानी से जुड़े हालिया विवादों ने टेंडर रद्द करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई क्योंकि तमिलनाडु सरकार अडानी समूह का पक्ष लेने की आलोचना का सामना नहीं करना चाहती थी। एनजीओ अरप्पोर इयक्कम के जयराम वेंकटेशन का कहना है कि "मेरा मानना है कि यह लोगों का दबाव है जिसने तमिलनाडु सरकार को टेंडर रद्द करने के लिए मजबूर किया।"
सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) वेंकटेशन द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर कथित कोयला आयात घोटाले की जांच कर रहा है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि अडानी समूह ने 2013 और 2016 के बीच खराब गुणवत्ता वाले कोयले की आपूर्ति करके टैंजेडको को 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया था।
TANGEDCO का यह फैसला मुख्यमंत्री एमके स्टालिन को विधानसभा के पटल पर यह स्पष्ट करने के लिए मजबूर होने के कुछ सप्ताह बाद आया है कि वह गौतम अडानी से कभी नहीं मिले। उन्होंने भाजपा और उसके सहयोगी पीएमके को भी चुनौती दी, जिन्होंने उनसे अडानी के साथ उनकी "गुप्त बैठक" के आरोपों पर स्पष्ट होने के लिए कहा कि क्या वे (स्टालिन) इस मामले पर संयुक्त संसदीय समिति की जांच के लिए तैयार हैं।
वेंकटेशन ने कहा, “स्मार्ट मीटर टेंडर रद्द करना एक स्वागत योग्य निर्णय है। लेकिन जो अधिक महत्वपूर्ण है वह यह है कि TANGEDCO को कोयले के आयात में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के लिए अडानी समूह को ब्लैकलिस्ट करना चाहिए। वेंकटेशन ने कहा, डीएमके सरकार को अडानी को अनियमितताओं के लिए जवाबदेह बनाना चाहिए और उनकी और उनकी कंपनी की जांच करनी चाहिए।