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स्वतंत्र देव सिंह का इस्तीफ़ा, कौन होगा नया बीजेपी अध्यक्ष?

स्वतंत्र देव सिंह का इस्तीफ़ा, कौन होगा नया बीजेपी अध्यक्ष?

बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उत्तर प्रदेश में संगठन की कमान किस नेता कौ सौंपेगा, यह चर्चा प्रदेश की सियासत में जोरों पर है। 

स्वतंत्र देव सिंह ने उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है और अब राज्य में पार्टी का नया अध्यक्ष कौन होगा, इसे लेकर चर्चा तेज़ हो गई है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बनने के बाद स्वतंत्र देव सिंह को जल शक्ति विभाग का मंत्री बनाया गया था। 

लेकिन बीजेपी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत के चलते उनका प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देना तय था। स्वतंत्र देव सिंह का कार्यकाल 16 जुलाई को समाप्त हो गया था। 

राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें इस बात पर हैं कि बीजेपी अब इस पद पर किस नेता को बैठगी। खबरों के मुताबिक, बीजेपी अगले 3 से 4 दिन के भीतर नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम का एलान कर सकती है।

दलित, ओबीसी या सवर्ण समुदाय

बीजेपी ने नए अध्यक्ष के नाम के लिए लंबा मंथन किया है। वह दलित, ओबीसी या सवर्ण समुदाय में से किस समुदाय को तरजीह देगी और उसके किस नेता को इस पद पर नियुक्त करे, इसके लिए बीते महीनों में बैठकों से लेकर चर्चा तक हो चुकी है। 

 - Satya Hindi

प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए जिन नेताओं के नाम सामने हैं उनमें पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा, गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और संजीव बालियान, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद सुब्रत पाठक, हरीश द्विवेदी आदि के नाम चर्चा में हैं।

जातियों की सियासत वाले उत्तर प्रदेश में बीजेपी को प्रदेश अध्यक्ष पद पर चयन जातीय समीकरण को देखकर भी करना होगा। स्वतंत्र देव सिंह ओबीसी समुदाय से आते हैं और योगी आदित्यनाथ सवर्ण समुदाय से। ऐसे में जातीय संतुलन के लिहाज से सवर्ण और ओबीसी का यह समीकरण फिट बैठता था। 

चूंकि स्वतंत्र देव सिंह ओबीसी समुदाय से आते हैं, ऐसे में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन के लिए पार्टी ओबीसी समुदाय के किसी नेता पर दांव लगा सकती है।

2024 पर है नजर 

सूत्रों के मुताबिक, इस बार बीजेपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले किसी ब्राह्मण चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। बीजेपी को उत्तर प्रदेश में 2014, 2017, 2019 और 2022 के चुनाव में जबरदस्त सफलता मिली है। अब उसकी नजर 2024 के लोकसभा चुनाव पर है, जहां वह पिछली बार के अपने प्रदर्शन को सुधारना चाहती है। 

यह साफ है कि पार्टी 2024 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए ही इस पद पर किसी नेता का चयन करेगी।

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