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मणिपुर सीएम की सुरक्षा टीम पर उग्रवादियों ने किया घात लगाकर हमला

मणिपुर सीएम की सुरक्षा टीम पर उग्रवादियों ने किया घात लगाकर हमला

मणिपुर के जिरीबाम में पिछले कुछ दिनों से तनाव बढ़ रहा था। इसी बीच अब सीएम के दौरे से पहले अग्रिम सुरक्षा टीम को निशाना बनाया गया।

मणिपुर में फिर से हिंसा की ख़बर आई है। संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने सोमवार को जिरीबाम जा रहे पुलिस काफिले पर घात लगाकर हमला किया। इसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। यह घटना मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के जिले के दौरे से ठीक पहले हुई है। जिरीबाम में पिछले हफ़्ते से तनाव बढ़ रहा है।

हालाँकि, मणिपुर पिछले एक साल से हिंसा से प्रभावित रहा है, लेकिन जिरीबाम अब तक कमोबेश शांतिपूर्ण रहा था। पिछले साल 3 मई के बाद से राज्य में हिंसा हो रही है। इम्फाल घाटी में रहने वाले मैतेई और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी के बीच संघर्ष के कारण 200 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं।

बहरहाल, अब मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के काफिले की एक टीम पर कांगपोकपी जिले में हथियारबंद उग्रवादियों ने घात लगाकर हमला किया। काफिला इम्फाल से जिरीबाम जिले की ओर जा रहा था, तभी सुबह करीब 10.30 बजे राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर हमला हुआ।

मुख्यमंत्री मंगलवार को जिरीबाम जाने की योजना बना रहे थे, जो पिछले कुछ दिनों से अशांति की चपेट में है। 6 जून को अज्ञात बदमाशों ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी। वह मैतेई समुदाय का एक किसान था। पुलिस ने बताया कि उसकी पहचान सोइबाम सरतकुमार सिंह के रूप में हुई है। वह अपने खेत से लौटते समय लापता हो गया था। उसके शरीर पर धारदार हथियार से वार किए जाने के निशान थे।  

जिरीबाम में व्यक्ति की हत्या के बाद कुछ सरकारी कार्यालयों सहित करीब 70 घरों को आग लगा दी गई और सैकड़ों लोग क्षेत्र से भाग गए।

इस घटना ने पिछले साल से मणिपुर में चल रहे जातीय तनाव को और बढ़ा दिया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार अधिकारियों ने बताया कि 7 जून को जिरीबाम क्षेत्र से लगभग 239 मैतेई लोगों को निकाला गया, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। उन्हें जिले के नए बनाए गए राहत शिविर में ले जाया गया। 

किसान की हत्या से गुस्साए स्थानीय लोगों ने शव मिलने के बाद कुछ खाली पड़े ढांचों में आग लगा दी थी, जिसके बाद जिरीबाम में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। स्थानीय लोगों ने जिरीबाम पुलिस स्टेशन के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया और मांग की कि उनके लाइसेंसी हथियार वापस किए जाएं। इन हथियारों को चुनाव के दौरान जब्त कर लिया गया था। 

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