बीजेपी नेता नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें जबरदस्त फटकार लगाई है। नूपुर शर्मा ने 27 मई को एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान यह टिप्पणी की थी और उसके कुछ दिन बाद देशभर में मुसलिम समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए थे।
सबसे पहले मुसलिम समुदाय के लोग 3 जून को जुमे की नमाज के बाद कानपुर में सड़क पर उतरे थे। इस दौरान पत्थरबाजी की घटना हुई थी। यह प्रदर्शन उस दिन हुआ था जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उनकी कैबिनेट के तमाम सदस्य कानपुर में मौजूद थे।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। बवाल होने के बाद लाठीचार्ज किया गया था और बड़ी संख्या में लोगों की गिरफ्तारी की गई थी। इसे लेकर कई दिनों तक अच्छा खासा टकराव चला।
उत्तर प्रदेश में कानपुर के अलावा, बिजनौर, मुरादाबाद, फिरोजाबाद आदि शहरों में भी मुसलिम समुदाय के लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया था।
हिंसक प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुए थे और प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगाने के साथ ही तोड़फोड़ को भी अंजाम दिया था। रांची में हुए हिंसक प्रदर्शन में दो लोगों की मौत भी हुई और कई लोग घायल हुए थे। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नूपुर शर्मा के खिलाफ निंदा प्रस्ताव भी पास कर दिया गया था।
दबाव बढ़ने पर बीजेपी ने नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया जबकि नवीन जिंदल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
फ्रिंज एलिमेंट बताया
जब खाड़ी देशों की ओर से दबाव बना तो भारत ने नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के बयानों को खारिज कर दिया और कहा कि जिन लोगों ने यह बयान दिए हैं वे फ्रिंज एलिमेंट हैं। कुवैत में कुछ जगहों पर भारतीय सामानों का बहिष्कार होने की भी बात सामने आई।
दूसरी ओर, नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल को जान से मारने की धमकियां मिली और इसके बाद पुलिस ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी। नवीन जिंदल के परिवार को दिल्ली छोड़कर जाना पड़ा।
अलकायदा ने दी धमकी
इस विवाद के दौरान ही महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। कई राजनीतिक दलों ने भी नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग जोर-शोर से की। हालात यहां तक पहुंच गए कि आतंकी संगठन अलकायदा ने भी भारत को दिल्ली, मुंबई में बम धमाके करने की धमकी दी।
बुलडोजर की कार्रवाई
उत्तर प्रदेश की सरकार के द्वारा कानपुर में हिंसा के मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी के करीबी एक शख्स और प्रयागराज में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी बताए गए जावेद मोहम्मद के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई।
कब होगी गिरफ्तारी?
कई दिनों तक इस विवाद के शांत रहने के बाद नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने के चलते उदयपुर में एक दर्जी की हत्या कर दी गई तो फिर से राजस्थान और दूसरे इलाकों में यह मुद्दा चर्चा में आ गया है। अब जब सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को लेकर तीखी टिप्पणियां की हैं और दिल्ली पुलिस को भी डांट लगाई है तो एक सवाल अब भी बाकी है कि दिल्ली पुलिस नूपुर शर्मा को गिरफ्तार कब करेगी।