हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले कांग्रेस नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि उनकी सरकार पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करेगी। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार चुनाव से पहले जो 10 गारंटियाँ दी हैं उनको पूरा किया जाएगा।
सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की रविवार को शपथ ली है। इसके साथ ही वह आधिकारिक तौर पर राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। कांग्रेस नेता मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। चार बार के विधायक सुक्खू एक बस ड्राइवर के बेटे हैं और उन्होंने शिमला में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के परिसर से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी जब वह शिमला के सरकारी कॉलेज संजौली में छात्र थे। मुकेश अग्निहोत्री ने भी कहा है कि कांग्रेस सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही ओल्ड पेंशन स्कीम को मंजूरी दे दी जाएगी।
बहरहाल, शपथ ग्रहण के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एएनआई से कहा, 'हमने 10 गारंटी दी हैं और हम उन्हें लागू करेंगे। हम पारदर्शी और ईमानदार सरकार देंगे। हम पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे।'
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को ही कहा था कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के लिए पुरानी पेंशन योजना महत्वपूर्ण है। उन्होंने केंद्र से आग्रह किया था कि वह फिर से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करे।
बता दें कि पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ख़त्म कर दिया था। इसकी जगह पर राष्ट्रीय पेंशन योजना 1 अप्रैल, 2004 से लागू की गई।
राष्ट्रीय पेंशन योजना उन कर्मचारियों के लिए है, जो 1 अप्रैल 2004 के बाद सरकारी नौकरी में शामिल हुए। कर्मचारी अपनी तनख्वाह से 10 फीसदी हिस्सा पेंशन के लिए योगदान करते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार 14 फीसदी योगदान देती है। जब कर्मचारी रिटायर होता है तो इस जमा राशि का 60 प्रतिशत उसे नकद भुगतान कर दिया जाता है। शेष 40 प्रतिशत राशि पेंशन के लिए रोक ली जाती है।
जबकि पुरानी पेंशन योजना में कर्मचारी के आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन होती थी। इसकी पूरी राशि का भुगतान सरकार करती थी। पुरानी पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू होता है, जबकि राष्ट्रीय पेंशन योजना में ऐसा नहीं है।
ऐसे ही कई तरह के फायदे पुरानी पेंशन योजना में मिलती है जो कि राष्ट्रीय पेंशन योजना में नहीं है। इसकी मांग को लेकर कर्मचारी आंदोलन करते रहे हैं।
इसी वजह से हिमाचल प्रदेश में चुनाव में यह बड़ा मुद्दा था। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि राज्य में अगर उनकी सरकार बनेगी तो वे इसे लागू करेंगे। पंजाब में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है। इसके अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया है।
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। मुकेश अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जैसे नेता शामिल हुए। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष प्रतीभा वीरभद्र सिंह भी शामिल हुईं जिन्हें सीएम पद का उम्मीदवार माना जा रहा था। प्रतीभा के समर्थकों ने उनको सीएम नहीं बनाए जाने पर हंगामा किया था। इस वजह से शपथ ग्रहण में प्रतीभा के शामिल होने को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्टों में कई तरह के कयास लगाए गए थे।
हालाँकि बाद में शपथ ग्रहण समारोह से पहले सुखविंदर सिंह सुक्खू और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने एकजुटता का प्रदर्शन किया था। प्रतिभा ने कहा था कि वो शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। दरअसल, टीवी चैनलों पर पहले इस तरह की खबरें थीं कि अपनी नाराजगी जताने के लिए प्रतिभा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी।