पाँच सवाल जो खोलते हैं योगेश राज के झूठ की पोल 

12:17 pm Jan 03, 2019 | सत्य ब्यूरो - सत्य हिन्दी

बुलंदशहर वारदात का मुख्य अभियुक्त योगेश राज फ़रार है। उसने एक विडियो जारी किया है। उसने  विडियो में जो कहा है और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या से पहले उसने जो एफ़आईआर दर्ज़ कराई थी, उन दोनों में अलग-अलग बातें हैं। इसके अलावा दूसरी कई जगहों पर ऐसा लगता है कि योगेश साफ़ झूठ बोल रहा है।

योगेश राज द्वारा लिखाई गई एफआईआर

झूठ नंबर 1

  • पुलिस में दर्ज़ कराई गई प्राथमिकी में योगेश ने कहा था कि 3 दिसंबर की सुबह वह महाव गाँव में दोस्तों के साथ खेतों की ओर गया था। उस दौरान उसनेv7 लोगों को गाय काटते हुए देखा था। एफ़आईआर के मुताबिक़, योगेश और उसके दोस्तों ने हल्ला मचाया तो गाय काटने वाले लोग वहाँ से भाग गए। 
  • विडियो में योगेश कह रहा है कि उसे गोकशी की सूचना मिली थी और इसके बाद वह अपने साथियों के साथ मौक़े पर पहुँचा था। स्पष्ट है कि जब वह सूचना मिलने के बाद पहुँचा होगा, तब वहाँ उसे कोई नहीं मिला होगा।(नीचे देखें योगेश राज का विडियो)।

झूठ नंबर 2

  • योगेश की बहन सीमा ने एक अंग्रेज़ी अख़बार को बताया कि जिस दिन यह घटना हुई, उस दिन योगेश की परीक्षा थी और वह परीक्षा देने कॉलेज गया था। सीमा के मुताबिक़, परीक्षा के बाद योगेश के पास बजरंग दल से जुड़े कुछ लोगों का फ़ोन आया और योगेश उस इलाक़े में चला गया, जिस जगह गाय के अवशेष मिले थे। दिन भर हुई हिंसा के बाद रात को वह घर लौटा और उसने कहा कि चिंता की बात नहीं है और कहीं चला गया। वह उसके बाद से अब तक घर नहीं लौटा है।
  • कॉलेज प्रशासन का कहना है कि 3 दिसंबर को ऐसी कोई परीक्षा कॉलेज में नहीं थी।

झूठ नंबर 3

  • योगेश ने एफ़आईआर में लिखवाया है कि उसने सात लोगों को गाय काटते हुए देखा था ।
  • लेकिन हिंसा के बाद, सबसे पहले मौक़े पर पहुँचे स्याना के तहसीलदार राजकुमार भाष्कर के मुताबिक़ जिस तरह गोवंश के शरीर के टुकड़ों को गन्ने के खेतों में बाँध कर लटकाया गया था, वह शरारत ही थी! सवाल यह है कि अगर योगेश ने गोवंश को कटते हुए देखा तो फिर गोवंश के अवशेष लटकते हुए कैसे मिले? किसने उनको खेत में लटकाया?

झूठ नंबर 4

  • योगेश ने जो एफ़आईआर लिखवाई थी, उसमें 7 लोगों के नाम हैं।
  • इन 7 लोगों में दो नाबालिग हैं। स्थानीय ग्रामीणों और पुलिस अधिकारियों के मुताबिक़, बाक़ी जो लोग हैं, वे घटना वाले दिन गाँव में थे ही नहीं। 

झूठ नंबर 5

  • योगेश ने एफ़आईआर में कहा है कि उसने 3 दिसंबर को यानी घटना वाले दिन ही सुबह गाय कटते हुए देखी।
  • यूपी पुलिस के आईजी (क्राइम) एस.के. भगत के मुताबिक़, बुलंदशहर हिंसा में मिले गाय के अवशेष दो दिन पुराने हैं।