श्रीलंका में सोमवार का दिन प्रदर्शनकारियों के गुस्से के नाम रहा। सरकार से बेहद नाराज लोगों ने दो सांसदों और तीन पूर्व मंत्रियों के घरों को आग लगाने के साथ ही देश के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के पैतृक घर में भी आग लगा दी।
यह घर राजधानी कोलंबो से 250 किलोमीटर दूर हंबनटोटा में है। घर में बने राष्ट्रपति के माता-पिता के स्मारक को भी तहस-नहस कर दिया गया है। इसके अलावा कुछ बसों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
पुलिस ने हालात को संभालने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का भी इस्तेमाल किया। राजधानी कोलंबो के साथ ही पूरे देश भर में तुरंत प्रभाव से कर्फ्यू लगा दिया गया है।
कर्फ्यू और आपातकाल के बीच भी हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं और उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों पर हमला किया है।
जिन मंत्रियों व सांसदों के घरों को निशाना बनाया गया है उनमें पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो और सांसद सनत निशांत का भी नाम शामिल है।
सांसद ने की आत्महत्या
उधर, प्रदर्शनकारियों के साथ हुई झड़प में सांसद अमरकीर्ति अथुकोराला की मौत हो गई है। वह सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद थे।
पुलिस ने कहा कि सांसद ने प्रदर्शनकारियों पर फायर झोंक दिए थे और इसमें दो लोग घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने निट्टंबुवा इलाके में उनकी कार को रोकने की कोशिश की थी।
पुलिस ने कहा कि सांसद की फायरिंग में घायल एक शख्स की मौत हो गई। इसके बाद सांसद वहां से भागे और नजदीक की एक इमारत में छिपने की कोशिश की। लेकिन हजारों लोगों ने इस इमारत को घेर लिया और इसके बाद सांसद ने अपनी ही रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली।
सरकार की ओर से पुलिस से प्रदर्शनकारियों से सख्ती से निपटने के लिए कहा गया है लेकिन अब पुलिस के लिए भी हालात को संभालना बेहद मुश्किल हो रहा है।
प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देने के बाद अब उनके भाई और राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर इस्तीफा देने के लिए दबाव बढ़ गया है। प्रदर्शनकारी उनके भी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।