जांच एजेंसी ईडी बुधवार को भी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से पूछताछ जारी रखेगी। मंगलवार को सोनिया गांधी से छह घंटे तक पूछताछ की गई। सोनिया से यह पूछताछ नेशनल हेराल्ड अख़बार से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में की जा रही है।
एएनआई ने सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि सोनिया गांधी से अब तक करीब 55 सवाल पूछे जा चुके हैं। उनसे वैसे ही सवाल पूछे गए जैसे राहुल गांधी से पूछे गए थे। उधर, कांग्रेस इसे लेकर देश भर में सड़क पर है और उसने संसद में भी जोरदार प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन के दौरान राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई सांसदों और नेताओं को हिरासत में ले लिया गया।
कई राज्यों में भी कांग्रेस के कार्यकर्ता सड़क पर उतरे। हालात को देखते हुए बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के जवान अलर्ट पर हैं।
'दफ्तर आने से पुलिस ने रोका'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने पार्टी मुख्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजघाट पर सत्याग्रह करने की इजाजत नहीं दी जा रही है और यह बेहद शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि ऐसे में लोकतंत्र को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी दफ्तर आने से भी रोका गया।
कांग्रेस ने कहा है कि वह ईडी और सीबीआई जैसी सरकार की कठपुतलियों से नहीं डरती। पार्टी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग नहीं हुई है।
कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड मामले में उसके नेताओं पर लगे आरोपों को बदले की राजनीति करार दिया है। पार्टी ने आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि जांच एजेंसी मोदी सरकार के इशारे पर विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही है। सोनिया को ईडी के द्वारा बुलाए जाने के विरोध में कांग्रेस सांसदों ने विजय चौक पर धरना भी दिया।
राहुल की पेशी पर हुआ था प्रदर्शन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ईडी के सामने पेशी के दौरान कांग्रेस ने कई दिन तक राजधानी दिल्ली और तमाम बड़े शहरों में जोरदार प्रदर्शन किया था और इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं को हिरासत में भी लिया गया था। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि उसके नेताओं के साथ दिल्ली पुलिस ने ज़्यादती की है और तब पुलिस के कांग्रेस मुख्यालय में घुसने को लेकर काफी बवाल हुआ था।
ईडी ने राहुल गांधी से कई दिन तक और कई घंटों तक लगातार पूछताछ की थी और उनके बयान दर्ज किए थे।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। बीजेपी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने केवल 50 लाख रुपये का भुगतान कर यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के ज़रिए कांग्रेस के स्वामित्व वाले एसोसिएट जरनल लिमिटेड (एजेएल) की 90.25 करोड़ की रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया था।
स्वामी ने इस मामले में दिल्ली की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। स्वामी की याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने आयकर विभाग से यंग इंडिया लिमिटेड के खिलाफ जांच करने के लिए कहा था। इस मामले में ईडी ने भी प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नया केस दर्ज किया था।
पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एजेएल को 1937 में शुरू किया था। 2010 में कंपनी में 1057 शेयर धारक थे और नुकसान होने के बाद 2011 में इसके स्वामित्व को यंग इंडिया लिमिटेड कंपनी को ट्रांसफर कर दिया गया था। एजेल की ओर से अंग्रेजी अखबार नेशनल हेराल्ड, उर्दू अखबार कौमी आवाज़ और हिंदी अखबार नवजीवन प्रकाशित किया जाता था।
यंग इंडिया लिमिटेड का गठन 2010 में किया गया था और इसमें राहुल गांधी और कांग्रेस के एक नेता निदेशक थे। राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास इस कंपनी के 76 फ़ीसदी शेयर थे और 24 फ़ीसदी शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के पास थे।