दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला एक बार फिर अचानक सुर्खियों में आ गया है। बुधवार को लोकसभा में एकनाथ शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने बड़ा आरोप लगाते हुए सनसनीखेज खुलासा किया कि सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती के फोन पर एयू नाम से 44 बार फोन कॉल आए थे।
राहुल शेवाले ने एयू का मतलब आदित्य और उद्धव ठाकरे बताया था। जिसके बाद अब इस पर एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। इसका मतलब यह है कि आदित्य और उनके पिता उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इधर, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिशा सालियन की मौत की जांच के लिए एसआईटी की टीम बनाने का ऐलान किया है। सुशांत सिंह राजपूत की मैनेजर रही दिशा सालियन ने सुशांत की मौत से कुछ दिन पहले बिल्डिंग से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली थी।
महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी उठापटक के बीच अब मामला एक दूसरे पर कीचड़ उछालने पर आ गया है। दो दिन पहले ही उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जमीन घोटाले के आरोप लगाए थे जिसके बाद अब एकनाथ शिंदे गुट ने आदित्य और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है।
दक्षिण मध्य मुंबई से एकनाथ शिंदे गुट के सांसद राहुल शेवाले ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले का जिक्र करते पूछा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में आदित्य और उद्धव ठाकरे रिया चक्रवर्ती को किसलिए फोन कर रहे थे।
राहुल शेवाले ने यह मामला जैसे ही लोकसभा में उठाया फौरन ही उद्धव गुट के सांसदों ने इस पर आपत्ति जताई जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने राहुल शेवाले के बयान को सदन की कार्यवाही से हटा दिया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अचानक से सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला कैसे सामने आया।
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन
महाराष्ट्र के नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान जब राहुल शेवाले के खुलासे पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से पूछा गया तो शिंदे ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर इस तरह की जानकारी बिहार पुलिस की जांच में सामने आई है कि रिया चक्रवर्ती को 44 बार एयू नाम से फोन कॉल आये थे तो फिर महाराष्ट्र पुलिस इस मामले की जांच करेगी।
मुख्यमंत्री के बयान का असर भी उस समय देखने को मिला जब विधानसभा के बाहर गुरुवार को बीजेपी और शिंदे गुट के विधायकों ने एयू नाम के पोस्टर और बैनर लगाकर प्रदर्शन किया और इस पूरे मामले की जांच की मांग की।
उधर, उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के अंदर ऐलान करते हुए कहा कि दिशा सालियन मौत की जांच एसआईटी के जरिए कराई जाएगी ताकि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा सके। आदित्य ठाकरे दिशा सालियन की मौत के मामले में पहले से ही निशाने पर रहे हैं। ऐसे में एसआईटी जांच के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे ने भी आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे पर जमकर हमला बोला।
नितेश राणे ने कहा कि दिशा सालियन और सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। इसलिए इस पूरे मामले में आदित्य ठाकरे का नार्को टेस्ट करवाना चाहिए। नितेश ने कहा कि दिशा सालियन की मौत की जांच मुंबई पुलिस कर रही है जबकि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अभी भी सीबीआई की जांच जारी है।
लिहाजा मुंबई पुलिस को यह जांच करनी चाहिए कि आखिरकार सुशांत सिंह राजपूत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती को 44 बार किन एयू नाम के लोगों ने फोन किया था। नितेश राणे ने तत्कालीन महा विकास आघाडी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज तक दिशा सालियन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार पुलिस ने दिशा की मौत को इतना छुपाकर क्यों रखा था।
राहुल शेवाले ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि दिशा सालियन संदेहास्पद मौत के मामले की जांच की जानी चाहिए। मैंने लोकसभा में मुद्दा उठाया है। हमारे साथी महाराष्ट्र की विधानसभा में इस मुद्दे को उठा रहे हैं। मेरी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मांग है कि इस पूरे मामले की जांच की जाए ताकि यह पता लग सके कि आखिरकार आदित्य ठाकरे ने रिया चक्रवर्ती को 44 बार फोन कॉल क्यों किए थे।
गुरुवार को दिशा सालियन की मौत का मामला महाराष्ट्र की विधानसभा में भी गूंजा। शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावले ने मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह काफी गंभीर मसला है कि अगर पुलिस की जांच में यह सामने आता है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पर्दा डालने के लिए अगर एयू नाम के लोगों ने रिया चक्रवर्ती को 44 बार फोन किया। विधानसभा में मुद्दा उठने के बाद विधानसभा की कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा, उसके बाद भी विपक्ष के द्वारा हंगामा करने के चलते कार्यवाही को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया।
लेकिन ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार दिशा सालियन और सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला अचानक से सुर्खियों में क्यों आ गया।