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गाने में यूपी सरकार का मजाक उड़ाना 'अपराध', नेहा राठौर को नोटिस

गाने में यूपी सरकार का मजाक उड़ाना 'अपराध', नेहा राठौर को नोटिस

लोकप्रिय भोजपुरी गायिका नेहा राठौर ने एक गाने में अतिक्रमण विरोधी अभियान पर सवाल उठाया तो यूपी पुलिस ने उनके वायरल सॉन्ग पर नोटिस भेज दिया है। उनसे तीन दिनों में जवाब मांगा है। 

भोजपुरी गाने में अब यूपी सरकार की आलोचना अपराध है। सोशल मीडिया पर एक हफ्ते से भोजपुरी गाना वायरल है, जिसमें कानपुर में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान हुई घटना का जिक्र करते हुए योगी सरकार से सवाल किए गए हैं। लेकिन यूपी सरकार को यह लोकप्रिय भोजपुरी गाना पसंद नहीं आया।

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी पुलिस ने लोकप्रिय भोजपुरी गायिका नेहा राठौर को व्यंग्यात्मक गीत के लिए नोटिस दिया है। इस गाने में योगी आदित्यनाथ सरकार के राज्य के कानपुर में बेदखली अभियान के लिए ताना मारा गया है। इस घटना में एक माँ और एक बेटी की मौत हो गई थी। गायिका नेहा सिंह राठौर ने हाल ही में अपने लोकप्रिय गीत 'यूपी में का बा' का एक रूपांतर अपलोड किया, जिसमें उन्होंने 45 वर्षीय प्रमिला दीक्षित और उनकी 20 वर्षीय बेटी नेहा की बात की, जिनकी दर्दनाक मौत उनकी झोपड़ी में हुई थी, जिसे पिछले दिनों पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर आग लगा दी थी।

इस वायरल गीत की वजह से यूपी पुलिस नेहा राठौर के घर पर मंगलवार रात को नोटिस लेकर पहुंच गई। पुलिस के नोटिस में आरोप लगाया गया कि इस गाने ने समाज में "असामंजस्य और तनाव की स्थिति पैदा की है।"

नेहा राठौर को गाने के बारे में ज्यादा जानकारी देने और इसे कैसे बनाया गया आदि कई सवालों का जवाब देने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है। पुलिस ने उनसे यह पुष्टि करने के लिए कहा है कि वह वीडियो में दिखाई दे रही हैं, क्या उन्होंने यह गीत लिखा है और क्या वह इसमें लिखे शब्दों पर कायम है। पुलिस ने यह भी पूछा कि क्या वह "समाज पर वीडियो के प्रतिकूल प्रभाव से अवगत थीं। .

यूपी पुलिस के नोटिस में कहा गया है- "इस गाने ने समाज में दुश्मनी और तनाव पैदा किया है, और आप इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य हैं। इसलिए, आपको नोटिस मिलने के तीन दिनों के भीतर अपना जवाब दाखिल करना होगा।"

इसमें कहा गया है- अगर आपका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो मामला दर्ज किया जाएगा... और उचित कानूनी जांच की जाएगी।

बता दें कि यूपी में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई चर्चा में है। सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थनक मुख्यमंत्री को बुलडोजर बाबा कहकर संबोधित कर रहे हैं। पिछले दिनों दूसरे मामलों में गिरफ्तार आरोपियों के मकानों को बुलडोजर से गिराने की कार्रवाइयां हो चुकी हैं। ऐसी तमाम कार्रवाइयां आलोचना के केंद्र में रही हैं।

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