श्रीकांत त्यागी केस: समर्थन में राजनीतिक रोटियाँ सिकने लगी हैं!
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में त्यागी समाज में उबाल आया हुआ है। एक महिला से अभद्रता करने वाले एक दबंग आदमी के समर्थन में राजनीतिक रोटियाँ सिकने लगी हैं और आँच को तेज करने के लिए लगातार ईंधन डाला जा रहा है जिसमें राजनीतिक और कथित गैर-राजनीतिक दलों की भागीदारी बढ़-चढ़कर चल रही है। वैसे आग लगाने वालों में सत्ता की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
मामला नोएडा के सेक्टर 93 स्थित ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी का है लेकिन उसकी धमक पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गूंज रही है। त्यागी समाज में आक्रोश है जिसके चलते न केवल गौतमबुद्ध नगर बल्कि मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर सहित अनेक जिलों में पंचायतें चल रहीं हैं। बीजेपी के ख़िलाफ़ माहौल भी बन रहा है। आख़िर माजरा क्या है? यह समझने के लिए 5 जुलाई 2022 को नोएडा की ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में एक महिला के साथ हुई गुंडई और उसके बाद के घटनाचक्र पर बारीकी से नज़र डालना ज़रूरी है। इस घटना के बाद देश भर में नोएडा के एक सफेदपोश दबंग का काला चिट्ठा लोगों के सामने आया।
ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें एक शख्स वहीं की एक महिला के साथ गाली गलौज और धक्का मुक्की करता दिखाई दिया। यह युवक था श्रीकांत त्यागी जिसके ऊपर भूमाफियागिरी के आरोप हैं, सत्ता के संरक्षण में। वीआईपी उसकी महफिलों की शोभा होते थे और पुलिस उसकी हिफाजत में तैनात रहती थी। उसकी तमाम शिकायतें होती रहती थीं लेकिन उसकी तरफ आँख उठाने की हिम्मत किसी में नहीं थी। नोएडा के कुछ इलाकों को छोड़ कर उसका नाम शायद ही कोई आम आदमी जानता हो लेकिन एक घटना ने उसे कुख्यात कर दिया।
इससे पहले ओमेक्स सोसाइटी में चल रहे अवैध निर्माण को लेकर उसकी ख़ूब शिकायतें हुईं लेकिन किसी अधिकारी के कानों में भी जूँ नहीं रेंगी। इसमें खास बात यह है कि ओमेक्स सोसायटी के लोग फरियाद लेकर स्थानीय सांसद महेश शर्मा की चौखट पर भी पहुँचे लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसी कड़ी में श्रीकांत त्यागी सोसाइटी के पार्क की जमीन पर पौधरोपण के लिए सरकारी सुरक्षाकर्मियों और निजी बॉक्सरों को लेकर पहुंच गया जहां स्थानीय निवासियों ने विरोध किया। इसी दौरान एक महिला से उसने अभद्रता की और साथ ही जान से मारने की धमकी भी दे डाली।
गाली गलौज का यह वीडियो वायरल होने के बाद जब यह मामला सुर्खियों में आया तो महेश शर्मा सोसाइटी पहुंचे और वहीं से उन्होंने सीधे लखनऊ बात की। नोएडा पुलिस और आला अफसर हरकत में आए।
रातों रात श्रीकांत त्यागी पर 25 हजार का ईनाम घोषित हो गया। उसकी हिस्ट्रीशीट सामने आ गई जिसमें उस पर रंगदारी, गुंडा एक्ट, हत्या का प्रयास जैसे संगीन अपराधों की फेहरिस्त थी।
मीडिया अपनी भूमिका में आ गया और पुलिस-प्रशासन अपने रंग में दिखाई दिया। उसके अवैध निर्माण पर अगले दिन ही बुलडोजर चल गया और जीएसटी चोरी के मामलों का भी खुलासा हो गया। कुछ पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई का हंटर चला दिया गया और पुलिस की कई टीमें उसकी तलाश में जुट गईं। इस तरह श्रीकांत पश्चिमी उत्तर प्रदेश का डॉन बनकर सामने आया। बताया गया कि नोएडा के भंगेल गांव में ही उसकी 60 दुकानें हैं। उसकी वैध-अवैध संपत्तियों की सूची सामने आने लगी। पर हकीकत यह है कि श्रीकांत सही मायनों में सफेदपोश व्यक्ति है जिसके साथ मंत्री, सांसद और विधायक गलबहियां किया करते थे और पुलिस-प्रशासन उसकी थाप पर नर्तन करता था।
श्रीकांत एक जमाने में उत्तर प्रदेश के असरदार मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या का भी खास रहा है। उसके काफिले में सिक्योरिटी के लिए एस्कॉर्ट करती चार जीप चलती थीं और साथ में स्निफर डॉग भी। इतना ही नहीं, क़रीब एक दर्जन बाउंसर भी साथ होते थे। उसके पास लग्जरी गाड़ियों का काफिला था जिन पर सचिवालय के पास और विधायक का स्टीकर भी लगा मिला। उसके सेक्टर 92 स्थित एक आवास बी 148 में इजाजत और जामा तलाशी दिए बगैर परिंदा भी पर नहीं मार सकता था। उसके घर की एंट्री से पहले पुलिस बैरिकेडिंग, पुलिस पिकेट और मैटल डिटेक्टर लगे हुए थे। अक्सर यहां देर रात तक पार्टियां चलतीं जिनमें असरदार लोग शामिल होते और उनकी लग्जरी कारों से सड़क खचाखच भरी रहती। इतना इसलिए भी बताना जरूरी है ताकि आप अच्छे से श्रीकांत त्यागी को समझ जाएं। यह बताना और भी जरूरी है कि ये सब कहानियां वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस सूत्रों और मीडिया के द्वारा सामने आईं।
कल का हीरो एक रात में जीरो हो गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए हर हथकंडा अपनाया। यहाँ तक कि उसकी पत्नी और बच्चों को भी पुलिस उठा कर ले गई। आरोप है कि अभद्रता की। पर अगले ही दिन श्रीकांत त्यागी को पुलिस मेरठ से पकड़कर चुपचाप नोएडा ले गई। इसकी भनक मेरठ पुलिस तक को न लगी।
श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी के साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ के सांसद की जब पीड़ित महिला से रिश्तेदारी सामने आई तो त्यागी राजनीति करने वालों को सामग्री मिल गई। सबसे पहले त्यागी समाज की राजनीति का गढ़ माने जाने वाले मेरठ कॉलेज के त्यागी छात्रावास में त्यागी समाज की बैठक हुई। श्रीकांत त्यागी की गिरफ्तारी और उसके परिवार की महिलाओं से पुलिस द्वारा की गई बदसलूकी की निंदा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई। इसके बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में निंदा और विरोध के लिए जगह जगह पंचायतें होने लगीं। धीरे धीरे राजनीतिक दलों और व्यक्तियों ने भी निंदा प्रस्ताव और बयानबाजी शुरू कर दी। इसमें बीजेपी के बड़े नेता भी शामिल हो गए जिसका सीधा मतलब है कि सत्तारूढ़ दल भी बैकफुट पर आता दिखाई दे रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान का भी बयान आया- आरोपी व्यक्ति होता है, उसका परिवार नहीं। पर भारतीय किसान यूनियन के मुखिया नरेश टिकैत ने साफ शब्दों में कहा- श्रीकांत त्यागी एक जिम्मेदार व्यक्ति हैं और वह गलत काम नहीं कर सकते।
उन्होंने यहां तक कह डाला कि सरकार त्यागी समाज को बदनाम कर रही है और यह सारा मामला सरकार द्वारा रचित षडयंत्र है। दहाड़ते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनसे छोटी मोटी गलती हो भी गई तो आतंकवादी जैसा व्यवहार नहीं करना चाहिए था। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि एक ही दिन में गैंगस्टर और 25 हजार का ईनाम घोषित करना सत्ताधारियों के मंसूबे को दर्शाता है। नरेश टिकैत यहीं नहीं रुके बल्कि इससे आगे बढ़ गए। बोले- इस सरकार में जुल्म केवल त्यागियों पर ही नहीं बल्कि जाट और गुर्जरों पर भी हो रहे हैं। इसी तर्ज पर रालोद के नेता भी बोल रहे हैं। मेझा की महापंचायत में जुटी भीड़ और उसमें नोएडा सांसद महेश शर्मा के खिलाफ लगे नारे घंटी बजा रहे हैं।
साफ़ है कि श्रीकांत त्यागी को लेकर जो राजनीति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शुरू हुई है उसमें बिरादरियाँ महत्वपूर्ण हो गई हैं जबकि महिला अस्मिता कोई मायने नहीं रखती हैं। एक अपराधी को बचाने के लिए मुद्दे को जातिगत राजनीति की तरफ मोड़ना ख़तरनाक संकेत हैं लेकिन इस आग में घी उत्तर प्रदेश पुलिस ने दी है जिसने श्रीकांत त्यागी की पत्नी और बच्चों के साथ बदसलूकी कर श्रीकांत को और बड़ा स्टार बनाने का रास्ता साफ़ कर दिया है। एक सवाल और है कि क्या महिला से बदसलूकी का दोषी अकेला श्रीकांत है!
अपराधी की जाति मायने रखती है या अपराध!