जर्मनी के हैम्बर्ग में गुरुवार रात गोलीबारी के दौरान एक चर्च में कई लोग मारे गए। घटना यहोवा सेंटर में हुई। मारे गए लोगों में बंदूकधारी भी शामिल है। हालांकि ब्लूमबर्ग टीवी ने मरने वालों की तादाद 7 बताई है। लेकिन जर्मनी के अन्य मीडिया संस्थाओं ने संख्या की पुष्टि नहीं की है।
घटनास्थल पर मौजूद एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि उत्तरी हैम्बर्ग के चर्च से गोलीबारी की आवाज साफ सुनाई दे रही है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, कुछ की मौत भी हो गई। पुलिस ने कहा कि यह हमला क्यों किया गया, इसके बारे में कोई साफ जानकारी अभी उपलब्ध नहीं है। लोगों से अटकलें नहीं लगाने को कहा गया है।
पुलिस ने क्षेत्र में "अत्यधिक खतरे" का एलर्ट जारी किया है। पुलिस ने कहा कि जनता को घर के अंदर रहना चाहिए और इलाके में आने से बचना चाहिए, उन्होंने कहा कि इमारत के आसपास की सड़कों को बंद कर दिया गया है।
घटनास्थल पर पुलिस को कई निर्जीव शव और गंभीर रूप से घायल लोग मिले। उन्होंने उस क्षेत्र में इमारत के ऊपरी हिस्से में फायरिंग की आवाज भी सुनी। बाद में वहां शव पाया गया। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, हमारे पास अपराधी के भाग जाने का कोई संकेत नहीं है। इसके बजाय, अधिकारियों के पास संकेत हैं कि अपराधी मृतकों में भी हो सकता है। प्रवक्ता ने कहा कि इमारत के ऊपरी हिस्से में जिस व्यक्ति को देखा गया था, वह "शायद" अपराधी था।
पुलिस ने बताया कि इस तीन मंजिला इमारत में गुरुवार शाम को कार्यक्रम हो रहा था। जर्मनी में लगभग 175,000 लोग यहोवा केंद्र से जुड़े हैं, जो 19वीं शताब्दी के अंत में स्थापित एक अमेरिकी ईसाई आंदोलन है जो अहिंसा का उपदेश देता है और घर-घर प्रचार करने जाता है।
शहर के मेयर पीटर चेंचचर ने ट्विटर पर गोलीबारी पर शोक व्यक्त किया। पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आपातकालीन सेवाएं स्थिति को स्पष्ट करने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
जर्मनी क्यों है निशाने परः हाल के वर्षों में जर्मनी में कई आतंकी हमलों हुए हैं। दिसंबर 2016 में बर्लिन के क्रिसमस बाजार में आतंकवादियों द्वारा किए गए सबसे घातक ट्रक हमले में 12 लोग मारे गए थे। ये हमला एक ट्यूनीशियाई ने किया जो रिफ्यूजी था और आईएसआईएस समूह का समर्थक था।
इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ छेड़े गए युद्ध में जर्मनी भी शामिल है। इसलिए यूरोप का सबसे अधिक आबादी वाला देश आतंकियों के निशाने पर है।
जर्मनी गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 2013 और 2021 के बीच, जर्मनी में खतरनाक माने जाने वाले इस्लामी आतंकियों की संख्या पांच से बढ़कर 615 हो गई थी।
जर्मनी में नव नाज़ी हिंसा भी बढ़ी है और सरकार पर आरोप है कि उसे खत्म करने के लिए पर्याप्त कोशिश नहीं कर रही है। फरवरी 2020 में, एक अति दक्षिणपंथी आतंकी ने मध्य जर्मन शहर हानाऊ में 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी और पांच अन्य को घायल कर दिया।
2019 में, योम किप्पुर के यहूदी अवकाश पर हाले में एक नव-नाजी ने एक सिनेगॉग पूजास्थल में घुसने की कोशिश की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई थी।