अगर ईवीएम से चुनाव हो तो लंदन और अमेरिका में भी बीजेपी चुनाव जीत सकती है। बीजेपी पर यह क़रारा वार उसकी सहयोगी शिवसेना ने किया है। शिवसेना ने यह भी कहा है कि बीजेपी का आत्मविश्वास पूरी तरह खोखला है।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में किसानों के मुद्दे, कथित रफ़ाल घोटाला, ईवीएम को लेकर उठे सवाल और बीजेपी नेताओं की ओर से दिए जा रहे फालतू बयानों को लेकर केंद्र की मोदी और महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार पर निशाना साधा है।
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548 सीटें जीत सकती है बीजेपी!
शिवसेना ने बीजेपी के अति-आत्मविश्वास का भी मजाक उड़ाया है। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक रैली में दावा किया था कि बीजेपी इस बार महाराष्ट्र की 48 में से 43 सीटें जीतेगी। इस पर सहयोगी शिवसेना ने तंज कसा कि अगर बीजेपी का यही आत्मविश्वास क़ायम रहा तो बीजेपी अपने दम पर देश में 548 सीटें जीत सकती है। जबकि देश में लोकसभा की कुल 543 ही सीटें हैं। वैसे भी पिछले दो साल में शिवसेना ने बीजेपी पर चुन-चुनकर हमले किए हैं।
बड़ा सवाल : ईवीएम से क्यों नहीं होने चाहिए चुनाव?
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के मुद्दे पर भी शिवसेना अपने सहयोगी पर हमलावर रही। शिवसेना ने पूछा, बीजेपी बताए कि उसने राम मंदिर पर अपना वादा क्यों नहीं पूरा किया? तंज कसते हुए शिवसेना ने कहा कि बीजेपी की जीत का यह कमल अयोध्या में क्यों नहीं खिलता?
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ईवीएम पर उठते रहे हैं सवाल
2009 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने बाक़ायदा प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा था कि ईवीएम फ़ुलप्रूफ़ नहीं है और मशीनों में छेड़छाड़ कर चुनावों को प्रभावित किया जा सकता है। पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने तो ईवीएम में धांधली हो सकती है या नहीं, इसे साबित करने के लिए एक किताब भी लिखी थी।
- पिछले दो साल में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस व अन्य कई दलों के नेता ईवीएम पर सवाल उठा चुके हैं। इन दलों की माँग है कि सभी ईवीएम मशीनों के साथ वोटर वेरिफ़ाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन भी लगाई जानी चाहिए। बता दें कि वीवीपैट व्यवस्था के तहत वोट डालने के बाद एक पर्ची निकलती है। इस पर जिस उम्मीदवार को वोट दिया गया है, उसका नाम और चुनाव चिह्न छपा होता है।
बैलट से चुनाव कराने की माँग
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ दिनों पहले कहा था कि दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहाँ ईवीएम से चुनाव कराए गए लेकिन बाद में इस व्यवस्था को निरस्त कर दिया गया तो भारत में ऐसा क्यों नहीं हो सकता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कई बार ईवीएम पर कई बार सवाल उठा चुकी हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती भी ईवीएम के बजाए बैलट पेपर से चुनाव कराने की माँग कर चुके हैं। शिवसेना भी कई बार ईवीएम से चुनाव होने को लेकर सवाल उठाती रही है।
कांग्रेस, राकांपा, तेलगू देशम पार्टी, सपा, राजद, बसपा सहित विपक्षी दलों ने हाल ही में ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से ईवीएम के मतों के 50 फ़ीसदी को वीवीपैट मशीनों की पर्ची से मिलान कराने की माँग की थी।