संजय राउत ने किस आधार पर कहा- शिंदे सरकार जल्द गिरेगी?
महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल के ताजा दावों के बाद महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के भविष्य को लेकर अब अलग-अलग कयास लगाए जाने लगे हैं। ऐसा करने वालों में शिवसेना नेता संजय राउत भी हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार राउत ने कहा है कि मौजूदा शिंदे सरकार छह महीने से ज़्यादा नहीं चलेगी। हालाँकि शिंदे गुट ने दावा किया कि बागी नेता बाकी ढाई साल तक इस पद पर बने रहेंगे और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी।
राउत का यह बयान तब आया जब पाटील ने दावा किया है कि शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को बीजेपी ने दिल पर पत्थर रखकर मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार किया है। पाटील ने आगे कहा था कि दरअसल यह समय की मांग थी और हमें विपक्ष को एक ऐसा संदेश देना था, यही कारण रहा कि पार्टी ने एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फ़ैसला किया।
पाटील के इस दावे के एक दिन बाद शिवसेना ने कहा कि इस टिप्पणी से संकेत मिलता है कि शिंदे सरकार छह महीने से अधिक नहीं चलेगी। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' को बताया, 'हम चंद्रकांत-दादा पाटिल को सच बोलने के लिए बधाई देना चाहते हैं। उन्होंने जो कुछ भी कहा वह केवल यह दर्शाता है कि एकनाथ शिंदे को एक स्टॉपगैप व्यवस्था के रूप में मुख्यमंत्री बनाया गया था और उन्हें जल्द ही हटा दिया जाएगा। जश्न मना रहे शिंदे खेमे को जल्द ही झटका लगेगा।'
राउत ने कहा कि पाटिल के बयान से यह साफ़ है कि बीजेपी किसी अन्य मुख्यमंत्री के लिए तैयार नहीं थी, लेकिन इन आरोपों से बचने के लिए कि इसने भारी रकम देकर विधायकों को खरीदा है, एकनाथ शिंदे को घोड़े पर चढ़ाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि यह इस देश के लोगों को धोखा देने के लिए बीजेपी की चाल थी।
राउत ने कहा है कि उन्होंने समय का इंतज़ाम किया है और वे जल्द ही एक और प्रथागत तख्तापलट का गेम रचेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी न किसी बहाने शिंदे की जगह लेंगे और उसके बाद शिंदे का खेमा बिखर जाएगा।
संजय राउत ने कहा है कि सरकार का गिरना तय है, इसमें छह महीने लग सकते हैं, लेकिन ऐसा होगा।
चंद्रकांत पाटील द्वारा दिए गए बयान पर एनसीपी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा है। एनसीपी प्रवक्ता महेश तपासे ने कहा है कि चंद्रकांत दादा पाटील ने जो बयान दिया है कि बीजेपी ने भारी मन से दिल पर पत्थर रखकर एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया, दरअसल उन्हें पता है कि महाराष्ट्र की सरकार संवैधानिक सरकार नहीं है इसलिए उन्होंने इस तरह का बयान दिया है। तपासे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का भविष्य सुप्रीम कोर्ट के हाथ में है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया तो फिर महाराष्ट्र की असंवैधानिक सरकार आगे नहीं चल पाएगी।
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि आख़िरकार चंद्रकांत दादा पाटील के दिल में जो बात थी वह उनकी जुबान पर आ ही गई।
पटोले ने कहा कि एकनाथ शिंदे इस वक्त बीजेपी की राजनीति में फंस चुके हैं और एक दिन जब उन्हें मालूम होगा कि उनके साथ विश्वासघात हुआ है तब तक काफी देर हो चुकी होगी। पाटील ने कहा कि बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को इस्तेमाल करके सिर्फ सत्ता हासिल करने का काम किया है और अब बीजेपी एकनाथ शिंदे के ज़रिए शिवसेना को खत्म कराने पर तुली हुई है।
हालाँकि बचाव में बीजेपी ने चंद्रकांत पाटील के बयान से खुद को अलग कर लिया है। बीजेपी नेता और विधायक आशीष शेलार ने चंद्रकांत दादा पाटील के बयान का बचाव करते हुए कहा कि चंद्रकांत दादा द्वारा दिया गया यह बयान पार्टी का बयान नहीं है और ना ही उनकी निजी राय है, यह सिर्फ पार्टी के कार्यकर्ताओं को बताने के लिए भावनाओं में दिया गया बयान है।