यूपी: अफसरशाही में उलटफेर, योगी-शाह के बीच न तुम जीते न हम हारे
उत्तर प्रदेश में गुरुवार तड़के अफसरशाही के सबसे बड़े फेरबदल को अंजाम दिया गया है। प्रदेश के मुखिया योगी के खासुलखास ताकतवर अफसर अवनीश अवस्थी के रिटारमेंट के महज कुछ ही घंटों के भीतर हुए इस उलटफेर को बीते कुछ सालों में सबसे बड़ा कहा जा सकता है।
सरकार दर सरकार अपनी भूमिका को ताकतवर बनाए रखने में अब तक सफल रहे वरिष्ठ नौकरशाह नवनीत सहगल को महत्वहीन खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव बना दिया गया है। मुख्यमंत्री सचिवालय में प्रमुख सचिव संजय प्रसाद को और ताकतवर बनाते हुए उन्हें गृह जैसा महत्वपूर्ण विभाग भी दे दिया गया।
दो महीने पहले प्रदेश सरकार में कुछ मंत्रियों की नाराजगी के सार्वजनिक होने के बाद से माना जा रहा था कि नौकरशाही में अब फेरबदल जरुर होगा। प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों की अपने ही विभागों के अफसरों से बन नहीं रही थी और उन्होंने इसकी शिकायत भाजपा आलाकमान तक पहुंचायी थी।
अपने ही विभागीय प्रमुख के आगे असहाय होने संबंधी सबसे बड़ी शिकायत उप मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य महकमा देख रहे ब्रजेश पाठक की थी। पाठक ने तो अपने ही विभाग में हुए तबादलों पर अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण तक मांग लिया था।
शाह तक पहुंची थी शिकायत
जून के आखिरी और जुलाई के पहले हफ्ते में योगी सरकार के कई मंत्रियों में नाराजगी के स्वर फूटे और तबादलों के मौसम में उन्होंने अपने ही विभाग के अफ़सरों पर मनमानी करने के आरोप लगाए। जलशक्ति विभाग के राज्य मंत्री ने तो सीधे अमित शाह को इस्तीफा तक लिख दिया। पीडब्लूडी मंत्री जितिन प्रसाद के विभाग में तबादलों को लेकर इस कदर रार मची की कई छोटे अफसरों को हटाया गया और उनके एक ओएसडी के खिलाफ मुकदमा लिख हटा दिया गया। स्वास्थ्य विभाग में उप मुख्यमंत्री ने तबादलों को लेकर चिट्ठी लिखी। इन सबकी की आंच दिल्ली भाजपा आलाकमान तक पहुंची और दोबारा बहुमत से चुनी गयी सरकार में किसी तरह का असंतोष रोकने की कवायद शुरु हुयी।
ज्यादातर असंतुष्ट मंत्रियों ने अपनी शिकायत गृह मंत्री अमित शाह तक पहुंचायी और उन्हें जल्द सब सुलझा दिए जाने का आश्वासन भी मिला।
योगी ने किया इलाज
भाजपा आलाकमान की सलाह पर मुख्यमंत्री योगी ने समस्या के निराकरण के लिए कदम उठाए। सबसे पहले तबादलों की जांच के लिए कमेटियां बनीं। कुछ तबादले बदले भी गए। राज्य मंत्रियों की नाराजगी दूर करने की कवायद में समन्वय बैठक हुयीं। हर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पूरे मंत्रिमंडल के साथ बैठक करना शुरु किया। आखिर में बड़े पदों पर आसीन अफसरों को हटाने की कवायद गुरुवार तड़के की गयी।
स्वास्थ्य विभाग देख रहे उप मुख्यमंत्री से छत्तीस का आंकड़ा रखने वाले अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को हटाया तो गया पर उन्हें सहगल के पास रहा महत्वपूर्ण विभाग एमएसएमई, खादी, रेशम, कपड़ा, ओडीओपी वगैरा देकर संतुष्ट किया गया। इसी तरह ऊर्जा में महेश गुप्ता को लाया गया तो माध्यमिक शिक्षा से आराधना शुक्ला को हटाकर महत्वहीन आयुष में भेजा गया। कुल मिलाकर इस कवायद में भी चली मुख्यमंत्री की ही।
सहगल का हटना रहा चौंकाने वाला
गुरुवार सुबह हुयी फेरबदल में सबसे चौंकाने वाला नाम अपर मुख्य सचिव सूचना, एमएसएमई, निर्यात प्रोत्साहन, ओडीओपी, रेशम, कपड़ा, खादी, नवनीत सहगल का रहा। अपर मुख्य सचिव सूचना के पद पर रहते हुए मुख्यमंत्री के साथ साये की तरह रहने वाले सहगल का हटना कईयों के गले नहीं उतर रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा आलाकमान के नजदीक होने का दावा करने वाले दिल्ली के कुछ लोगों के साथ उनकी गलबहियां मुख्यमंत्री को रास नहीं आयी।बुधवार को उद्योग विभाग से जुड़े कुछ लोगों पर पड़े आयकर छापे ने भी आग में घी का काम किया। सबसे उपर तो सहगल की हालिया रिटायर हुए अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी के साथ अदावत भारी पड़ी। कहते हैं कि प्रदेश में अहम पदों पर रहे अफसरों ने अवनीश अवस्थी के सेवा विस्तार में रुकावट डाली और बदले में उन्होंने अफसरों का काम लगाया। नवनीत सहगल को अब अपर मुख्य सचिव खेलकूद बनाया गया है।
ताकतवर बने संजय प्रसाद
इस पूरे फेरबदल में असल लाटरी लगी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद की जिन्हें वर्तमान पद के साथ ही गृह जैसे महत्वपूर्ण विभाग का भी प्रभार दे दिया गया। अब प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के साथ गृह औऱ सूचना जैसे विभागों की जिम्मेदारी के साथ संजय प्रसाद प्रदेश के सबसे ताकतवर अफसरों में शुमार हो गए हैं। माना जा रहा है कि देर सबेर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव भी केंद्र में जाएंगे जहां उनका इम्पैनलमेंट हो चुका है और इस दशा में संजय प्रसाद की ताकत सबसे ज्यादा बढ़ेगी।