कर्नाटक: बीजेपी की सियासत के बड़े चेहरे हैं ईश्वरप्पा
ठेकेदार संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले में कैबिनेट मंत्री केएस ईश्वरप्पा का नाम सामने आया है। ईश्वरप्पा के खिलाफ कांग्रेस सड़क पर है तो दूसरी ओर कर्नाटक कांट्रेक्टर्स एसोसिएशन ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ईश्वरप्पा कर्नाटक की सियासत के पुराने और मंझे हुए खिलाड़ी हैं। आइए, जानते हैं उनके बारे में।
ओबीसी नेता हैं ईश्वरप्पा
ओबीसी की कुरूबा जाति से आने वाले ईश्वरप्पा कर्नाटक बीजेपी की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार के बराबर कद के नेता हैं। इन तीनों ही नेताओं ने कर्नाटक में बीजेपी को खड़ा करने का काम किया।
ईश्वरप्पा संघ से जुड़े रहे और कर्नाटक में दक्षिणपंथी एजेंडे के पोस्टर ब्वॉय के रूप में देख जाते रहे हैं। कुछ महीने पहले हुई बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के बाद वह अपने बयानों के लिए चर्चित रहे थे। उन्हें एक उग्र वक्ता भी माना जाता है।
ईश्वरप्पा पांच बार विधायक रहे हैं और जब-जब राज्य में बीजेपी की सरकार बनी तब कैबिनेट के मंत्री भी रहे और यहां तक कि उपमुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष के पद तक पहुंचे।
येदियुरप्पा से भिड़े
2019 से 2021 के बीच जब येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री थे तो ईश्वरप्पा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने राज्यपाल को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री द्वारा उनके मंत्रालय के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया था। कहा जाता है कि येदियुरप्पा के कामकाज को लेकर ईश्वरप्पा ने ही कुछ बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेतृत्व तक पहुंचाई थी।
येदियुरप्पा की तरह ही ईश्वरप्पा भी शिवामोगा जिले से आते हैं। 2012 में जब येदियुरप्पा बीजेपी से अलग हो गए और उन्होंने कर्नाटक जनता पक्ष नाम से पार्टी बनाई तो ईश्वरप्पा प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष बन गए।
नोट गिनने की मशीन मिली
साल 2012 में ईश्वरप्पा के घर से नोट गिनने की मशीन भी मिली थी और इसे लेकर तब कर्नाटक की सियासत में खूब बवाल हुआ था। ईश्वरप्पा तब राज्य के उपमुख्यमंत्री थे।
ईश्वरप्पा और उनके परिवार पर साल 2012 में अकूत संपत्ति जमा करने के आरोप लगे थे। ईश्वरप्पा एक बड़े व्यवसायी हैं और उनके कई शिक्षण संस्थान, औद्योगिक घराने, फैक्ट्री और ऑटोमोबाइल शोरूम भी शिवामोगा जिले में हैं।