लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन को लेकर पार्टी और योगी सरकार की पुलिस के बीच सीधी झ़ड़प शुरू हो गई है। पार्टी के कई विधायकों और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर हर विधायक के घर और पार्टी के राष्ट्रीय दफ्तर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। वजह ये है कि योगी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ सपा ने 14 सितंबर बुधवार को विधानसभा भवन के बाहर प्रदर्शन का ऐलान किया था। यह प्रदर्शन 18 सितंबर तक चलना है। लोकतांत्रिक ढंग से किए जाने वाले प्रदर्शन को इस तरह रोका जाना काबिलेगौर मसला बन गया है।
सपा के वरिष्ठ नेता और विधायक रविदास मेहरोत्रा ने बताया कि उनके घर सुबह 5 बजे पुलिस आ गई। उन्हें घर में नजरबंद कर दिया गया है। कुछ मीडियाकर्मी उनसे मिलने आए तो पुलिस ने उन्हें भी भगा दिया। मेहरोत्रा का कहना है कि सभी सपा विधायकों के घर पुलिस तैनात कर दी गई है और विधायकों के बाहर निकलने पर पाबंदी है। कुछ विधायक जो प्रदर्शन स्थल तक पहुंच गए थे, उन्हें लौटा दिया गया है।
सपा दफ्तर पुलिस छावनी में बदल गया है। विधायक राकेश प्रताप सिंह और पार्टी के तमाम पदाधिकारी दफ्तर में नजरबंद कर दिए गए हैं। उन्हें बाहर निकलने से रोक दिया गया है। पार्टी दफ्तर के अंदर न तो कोई जा सकता है और न कोई अंदर आ सकता है। कुछ विधायक और कार्यकर्ता प्रदर्शन के लिए बाहर निकले तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
सपा दफ्तर के बाहर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करती हुई पुलिस
यूपी के दूसरे जिलों में भी सपा का प्रदर्शन शुरू हो गया है। बाराबंकी से खबर है कि बड़े पैमाने पर सपा नेता और कार्यकर्ता बुधवार को प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिए गए। रायबरेली में भी प्रदर्शन की सूचना है। सीतापुर में सपा विधायक के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। सीतापुर की दूरी लखनऊ से ज्यादा नहीं है। विधायक को अपने आवास से लखनऊ पहुंचना था लेकिन उससे पहले उन्हें नजरबंद कर दिया गया।
समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी और योगी सरकार का लोकतंत्र पर से विश्वास उठ गया है। सपा ने कहा कि वो इस तरह डरने वाली नहीं है। देश में लोकतंत्र है और सभी को जायज तरीके से प्रदर्शन का अधिकार है।
इस बीच लखनऊ पुलिस ने बड़े पैमाने पर सपा विधायकों और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों पर अपनी सफाई में बयान जारी किया है। पुलिस का कहना है कि विधानसभा क्षेत्र हाई सिक्योरिटी जोन में आता है। विधान भवन पर प्रदर्शन से जनता को भारी असुविधा होती है। इसलिए वहां प्रदर्शन की अऩुमति नहीं है। लखनऊ में ईको गार्डन चिन्हित प्रदर्शन स्थल है। वहीं पर तमाम राजनीतिक प्रदर्शन किए जा सकते हैं।