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सचिन पायलट को इंसाफ मिलना चाहिए: आचार्य प्रमोद कृष्णम

सचिन पायलट को इंसाफ मिलना चाहिए: आचार्य प्रमोद कृष्णम

आचार्य प्रमोद कृष्णम कई मौकों पर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की खुलकर वकालत कर चुके हैं। लेकिन क्या पायलट को राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी मिलेगी?

आध्यात्मिक गुरु और कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का पक्ष लिया है। शुक्रवार को न्यूज़ चैनल News24 के साथ बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि सचिन पायलट को इंसाफ मिलना चाहिए।

कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के सच्चे सिपाही हैं और कांग्रेस नेतृत्व जो चाहेगा गहलोत वही करेंगे। उन्होंने कहा कि इसे लेकर किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए। 

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राजस्थान का मुख्यमंत्री कौन होगा इस बारे में फैसला वहां के विधायक और कांग्रेस नेतृत्व करेगा। सचिन पायलट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि पायलट को इंसाफ मिलना चाहिए। 

पायलट की जोरदार हिमायत 

साल 2020 में जब सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद किया था, उसके बाद से ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कई मौकों पर सचिन पायलट का पक्ष ले चुके हैं और उन्हें मुख्यमंत्री बनाए जाने की खुलकर वकालत कर चुके हैं। आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के वाकपटु नेताओं में से गिने जाते हैं और तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखते रहे हैं। 

बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। इसके साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के द्वारा ‘एक व्यक्ति एक पद’ का समर्थन करने के बाद यह भी तय हो गया है कि अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी होगी। 

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हालांकि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में तटस्थ रहेंगी। लेकिन अशोक गहलोत को गांधी परिवार द्वारा समर्थित उम्मीदवार माना जा रहा है इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में उनका जीत हासिल करना लगभग तय है।

गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद यह बड़ा सवाल होगा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री की कुर्सी किसे मिलेगी। कांग्रेस इस पद पर किस नेता को बैठाएगी, इसे लेकर चारों ओर चर्चा है।

पायलट का दावा मजबूत

खबरों के मुताबिक, अशोक गहलोत ने कांग्रेस हाईकमान के सामने विधानसभा के स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का नाम मुख्यमंत्री के दावेदारों के रूप में रखा है। लेकिन कहा जा रहा है कि गांधी परिवार और कांग्रेस नेतृत्व सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना चाहता है। सियासी जानकारों के मुताबिक, मुख्यमंत्री की कुर्सी के सबसे बड़े दावेदार सचिन पायलट ही हैं। 

लेकिन क्या अशोक गहलोत सचिन पायलट को इतनी आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने देंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान के मामले में फैसला कांग्रेस अध्यक्ष ही लेंगी लेकिन गहलोत चाहेंगे कि राज्य का नेतृत्व उनके करीबी के हाथ में हो।

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सचिन पायलट के समर्थक लंबे वक्त से मांग करते रहे हैं कि राज्य की कमान उनके नेता के हाथ में दी जाए। क्या कांग्रेस आलाकमान मुख्यमंत्री की कुर्सी के मामले में अशोक गहलोत की पसंद को अहमियत देगा? या फिर पायलट को यह कुर्सी मिलेगी, इस फैसला आने वाले कुछ दिनों में हो जाएगा। 

मौका चूक गए थे पायलट 

याद दिलाना होगा कि 2018 में जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में आई थी तब पायलट राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे। लेकिन कांग्रेस ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी थी जबकि पायलट उप मुख्यमंत्री बने थे। पायलट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री जैसे बड़े पद पर भी थे लेकिन बगावत के बाद उन्हें दोनों पदों से हाथ धोना पड़ा था।

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