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सुभाष चंद्रा ने डोरे डाले तो पायलट बोले- 'बीजेपी ने उन्हें मूर्ख बनाया'

सुभाष चंद्रा ने डोरे डाले तो पायलट बोले- 'बीजेपी ने उन्हें मूर्ख बनाया'

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव का मामला बेहद रोचक होता जा रहा है। क्या बीजेपी समर्थित उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को कांग्रेस विधायक वोट देंगे? जानिए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने क्या जवाब दिया।

राजस्थान में राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे एक मीडिया समूह के मालिक सुभाष चंद्रा ने दावा किया है कि वह कांग्रेस विधायकों की क्रॉसवोटिंग के ज़रिए जीतने जा रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट के लिए भी यह कहते हुए डोरे डाले कि उनके पिता राजेश पायलट उनके दोस्त थे और सचिन पायलट के पास अब एक युवा और लोकप्रिय नेता के रूप में एक अवसर है। बहरहाल, सुभाष चंद्रा के इस दावे पर सचिन पायलट ने पलटवार किया है और कहा है कि यह 'हास्यास्पद' है। उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत में यहाँ तक कह दिया कि 'सुभाष चंद्रा को बीजेपी ने मूर्ख बनाया है'।

राज्यसभा के चुनाव को लेकर 10 जून को वोटिंग होनी है। राजस्थान में 4 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवारी और बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा चुनाव मैदान में हैं।

200 सीटों वाली राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 71 विधायक हैं। राज्यसभा के 1 उम्मीदवार को जिताने के लिए 41 वोटों की ज़रूरत है। विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस राजस्थान में राज्यसभा की 2 सीटें आसानी से जीत सकती है जबकि तीसरी सीट जीतने के लिए उसे 15 और विधायकों की जरूरत होगी। दूसरी ओर बीजेपी एक उम्मीदवार को जिता सकती है और दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए उसे 11 वोटों की जरूरत होगी।

यहीं पर दाँव लगा है। एक सीट को लेकर सियासत तेज़ है। बहरहाल, सुभाष चंद्रा ने दावा किया कि कांग्रेस के चार विधायक उनका पहले से ही समर्थन कर रहे हैं और कुल मिलाकर उनको 8 क्रॉसवोट करेंगे। उन्होंने मंगलवार शाम को जयपुर में संवाददाताओं से कहा, 'विधायक मेरे साथ गुप्त रूप से संपर्क में हैं और मैं राज्यसभा चुनाव जीतने जा रहा हूं।' हालाँकि उन्होंने किसी का नाम लेने से इनकार किया। 

सुभाष चंद्रा ने सचिन पायलट के लिए संदेश देते हुए कहा, 'वह इसका इस्तेमाल बदला लेने या संदेश भेजने के अवसर के रूप में कर सकते हैं। अगर सचिन पायलट इस अवसर को चूक जाते हैं, तो वह 2028 तक मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे।'

पायलट राज्य में शीर्ष पद के आकांक्षी रहे हैं। इसको लेकर उनकी मुख्यमंत्री गहलोत से कई बार बातचीत भी बिगड़ चुकी है। दो साल पहले तो पायलट गहलोत सरकार को गिराने की स्थिति में पहुँच गए थे। लेकिन आख़िरकार सरकार बच गई व विवाद सुलझ गया।

बहरहाल, सुभाष चंद्रा के दावों पर सचिन पायलट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। क्रॉसवोटिंग के सुभाष चंद्रा के दावों को सचिन पायलट ने हास्यास्पद बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने एनडीटीवी से कहा, 'उन्हें बीजेपी ने चुनाव लड़ने के लिए मूर्ख बनाया है और उन्हें अपमानित किया जाएगा।' उन्होंने कहा, 'सुभाषजी, यह कोई टीवी श्रृंखला या मनोरंजन नहीं है। यह गंभीर काम है।' 

पायलट ने कहा, 'चाहे वह कितने भी विधायक होने के दावे करें, कांग्रेस और सभी निर्दलीय विधायक एक साथ हैं। हमें 123 की ज़रूरत है और हमारे पास उससे भी ज़्यादा हैं।' उन्होंने कहा, 'वे सभी एक जगह हैं इसलिए उन पर कोई अनुचित दबाव नहीं है। मैं व्यक्तिगत रूप से नहीं सोचता कि यह आगे बढ़ने का सही तरीका है। लेकिन यही अब रास्ता है।'

बता दें कि राज्यसभा चुनाव को लेकर चल रही हलचल के बीच विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका जताई जा रही है। इन्हीं आशंकाओं के बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को उदयपुर के एक रिजॉर्ट में ठहराया है। चार जून को ख़बर आई थी कि राजस्थान में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों और मंत्रियों से शुक्रवार शाम तक उदयपुर के एक रिजॉर्ट में पहुंचने के लिए कहा था, लेकिन राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और पांच विधायक ऐसे थे जो रिजॉर्ट में नहीं पहुंचे थे। राजेंद्र गुढ़ा बीएसपी के 5 अन्य विधायकों के साथ 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

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