आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि दुनिया के "अच्छे देशों" में विचारों की भीड़ होती है। एक विचारधारा या एक व्यक्ति किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकता है। भागवत नागपुर में राजरत्न पुरस्कार समिति के पुरस्कार समारोह में बोल रहे थे। भागवत के शब्द हैं- एक व्यक्ति, एक विचार, एक समूह, एक विचारधारा किसी देश को बना या बिगाड़ नहीं सकती है।
पीटीआई के मुताबिक - उन्होंने कहा, दुनिया के अच्छे देशों के पास हर तरह के विचार होते हैं। उनके पास भी सभी तरह के सिस्टम होते हैं और वे सिस्टम की इस भीड़ के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
संघ प्रमुख ने कहा- जिन देशों की स्थिति अच्छी नहीं है, वहां भी आपको अच्छे नेता मिल जाएंगे। इसका अर्थ है कि ये सभी कारण सहायक हैं। मुख्य बात समाज में गुणवत्ता और एकजुटता है।
भोंसले परिवार, नागपुर के पूर्व शाही परिवार के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि यह संघ के संस्थापक के बी हेडगेवार के समय से आरएसएस से जुड़ा था। छत्रपति शिवाजी महाराज ने 'स्वराज्य' (संप्रभु राज्य) की स्थापना की और दक्षिण भारत को उनके समय में अत्याचारों से मुक्त किया गया।
संघ प्रमुख के बयान का अर्थ क्या हैः आरएसएस प्रमुख का बयान बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के विचार का विरोध करता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस योजना को पिच कर रहे हैं और इसे "देश की जरूरत" कह रहे हैं। उनका मानना है कि हर महीने विभिन्न स्तरों पर चुनाव कराए जा रहे हैं जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ता है। पिछले साल देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान, पीएम मोदी ने योजना पर अपना रुख दोहराया और बताया कि कैसे एक राष्ट्र और एक मतदाता सूची से समय और धन की बचत होगी।
इससे पहले, लॉ कमीशन ने एक साथ चुनाव कराने, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों की लोकसभा अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति पर विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के विचार मांगे थे।
विपक्षी दलों ने इस कदम की आलोचना की और बताया कि भाजपा केवल एक ही शब्द जानती है जो एक है। डीएमके ने कहा था कि बीजेपी वाले एक धर्म, एक भाषा, एक भोजन, एक संस्कृति, एक कर, एक परीक्षा और एक खाद का सुर अलापते रहते हैं। बीजेपी के लिए धोखा और ध्यान भटकाने वाली रणनीति ही सभी बीमारियों का इलाज है।
आम आदमी पार्टी (आप) ने भी कहा कि यह योजना (एक भारत एक चुनाव) केवल भाजपा के "ऑपरेशन लोटस" अभियान चलाने के "सपनों" को पूरा करेगी।