सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद तीन-तीन भारी-भरकम केंद्रीय जांच एजेंसियों, मीडिया में बैठे कुछ गिद्ध पत्रकारों और समाज के दकियानूसी सोच वाले एक वर्ग की हिकारत का सामना कर रहीं रिया चक्रवर्ती इनसे डरी नहीं हैं। भले ही कुछ चैनल्स ने रिया को बदनाम करने में कसर नहीं छोड़ी हो, सोशल मीडिया पर उसके चरित्र को लेकर कमीनेपन की हद तक टिप्पणियां की गई हों लेकिन वह मजबूती के साथ सबसे लड़ रही हैं।
रिया ने अभी तक की जांच में सभी जांच एजेंसियों के सवालों के खुलकर जवाब दिए हैं, मीडिया को इंटरव्यू दिए हैं और अपनी बात को दमदार तरीके से रखा है। इसके बाद उसके साथ कुछ लोग भी जुड़े हैं। इन लोगों का यह मानना है कि सुशांत को न्याय दिलाने के नाम पर इस बंगाली महिला का जबरदस्त उत्पीड़न किया जा रहा है। इनका मानना है कि इस मामले में जांच एजेंसियों को उनका काम करने देना चाहिए। लेकिन रिया को अपराधी साबित करने में जुटे कुछ चैनलों के पत्रकारों और जांच एजेंसियों के अफ़सरों को शायद इससे कोई मतलब नहीं है।
इसके बीच मंगलवार को जब रिया को गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया तो इस बहादुर लड़की की टी-शर्ट पर जो लिखा था, उसकी काफी चर्चा हो रही है।
रिया की टी-शर्ट पर अंग्रेजी में लिखा था- Roses are red, violets are blue, let's smash the patriarchy, me and you।। रिया ने यह टी शर्ट उनसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा की जा रही पूछताछ के तीसरे दिन पहनी, इसका शायद कोई मतलब था। क्योंकि तीसरे दिन यह माना जा रहा था कि रिया को एनसीबी गिरफ़्तार कर सकती है। इसलिए रिया ने मैसेज दिया कि वह बाक़ी लोगों के साथ मिलकर पितृ सत्तात्मक समाज से टकरा सकती हैं।
जैसा ऊपर लिखा गया है कि सुशांत को न्याय दिलाने के नाम पर रिया का जिस तरह का चरित्र हनन किया गया, बेहद घटिया, अश्लील और दो यम दर्जे की टिप्पणी उसके चरित्र को लेकर की गई, ऐसे में रिया चाहती थीं कि लोग इस मानसिकता के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाएं। और ऐसा नहीं है कि रिया ने इस टी-शर्ट के जरिये किसी तरह की जांच से बचने और किसी भी तरह की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश की हो।
पिछले दो महीने के दौरान रिया को जांच एजेंसियों ने जब बुलाया, जिस दिन बुलाया, वह हाजिर हुई हैं। सुशांत की मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर घमासान शुरू होने से पहले ही वह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ट्वीट कर इस मामले की इस सुप्रीम एजेंसी से जांच कराने की मांग कर चुकी थीं।
ऐसी टी शर्ट पहनी थी रिया ने।
लोगों ने बदली प्रोफ़ाइल पिक्चर
आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले रिया जब पूछताछ के लिए सीबीआई के दफ़्तर पहुंचीं थी तो उन्हें न्यूज़ चैनलों के पत्रकारों के माइकों और कैमरामैनों ने बुरी तरह घेर लिया था। उन्हें जांच एजेंसी के दफ़्तर तक जाने में बहुत मुश्किल हुई थी। सोशल मीडिया पर लोगों ने ऐसे पत्रकारों को दुत्कारा था और कहा था कि पत्रकारिता के नाम पर मछली बाज़ार से भी बदतर हालात बना दिए गए हैं। लोगों का कहना था कि चाहे स्टूडियो हो या बाहर, लोग रिया के पीछे पड़े हुए हैं।
रिया के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए लोगों ने ट्विटर पर अपनी प्रोफ़ाइल पिक्चर को बदला है। इस प्रोफ़ाइल पिक्चर में दिखाया गया है कि न्यूज़ चैनलों के गिद्ध जैसे माइक रिया को नोचने के लिए तैयार हैं और वह उनसे बचने की कोशिश कर रही हैं।
कहने का मतलब यही है कि लोग चाहते हैं कि रिया का जिस तरह का उत्पीड़न हो रहा है, वह बंद हो, उसके ख़िलाफ़ झूठी ख़बरों को चलाया जाना बंद हो और इस वजह से जांच प्रभावित न हो क्योंकि पिछले दो महीने से रिया को जेल भेजने की मुहिम छेड़ने वाले चैनल्स ने आख़िरकार उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भिजवा ही दिया।
वे बुरी तरह तिलमिलाए हुए थे क्योंकि रिया को सुशांत की हत्या का जिम्मेदार ठहराने, सुशांत के खाते से 15 करोड़ ट्रांसफ़र करने की उनकी ख़बरें झूठी साबित हो चुकी हैं।
इन चैनल्स ने रिया के द्वारा ड्रग्स लेने की बात कबूल करने की भी ख़बर चलाई लेकिन एनसीबी की रिमांड कॉपी सामने आने के बाद ये भी झूठी साबित हुई। इसके बाद भी ये चैनल बाज़ नहीं आते। लेकिन जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ रहा है, समाज का एक वर्ग रिया के साथ भी खुलकर खड़ा हो रहा है और रिया तो दमदार तरीक़े से मुक़ाबला कर ही रही है।