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महाराष्ट्र से कोश्यारी की छुट्टी, रमेश बैस होंगे नए राज्यपाल

महाराष्ट्र से कोश्यारी की छुट्टी, रमेश बैस होंगे नए राज्यपाल

पिछले काफ़ी समय से विपक्ष के निशाने पर रहे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की आख़िरकार महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से छुट्टी हो गई है। जानिए, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने क्या प्रतिक्रिया दी।

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा आखिरकार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोश्यारी की जगह रमेश बैस को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल बनाया गया है। राष्ट्रपति भवन से रमेश बैस के नाम पर मुहर लग गई है और बहुत जल्द वह महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद ग्रहण कर लेंगे। भगत सिंह कोश्यारी पिछले काफी दिनों से अपनी बयानबाज़ी के चलते विपक्ष के निशाने पर थे। कुछ दिनों पहले भगत सिंह कोश्यारी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। 

राष्ट्रपति भवन से जारी किए गए आदेश में 12 राज्यों के राज्यपाल की नियुक्ति पर मुहर लगाई गई है जिसमें महाराष्ट्र भी शामिल है। भगत सिंह कोश्यारी की जगह पर आए रमेश बैस झारखंड के राज्यपाल थे।

भगत सिंह कोश्यारी को हटाए जाने पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने खुशी जताई है। उद्धव ठाकरे शिवसेना के प्रवक्ता आनंद दुबे का कहना है कि हमारी पिछले काफी समय से मांग थी कि भगत सिंह कोश्यारी महाराष्ट्र की गरिमा से खिलवाड़ कर रहे हैं एवं महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं। विपक्ष की कई पार्टियों ने भगत सिंह कोश्यारी को हटाए जाने के लिए प्रदर्शन भी किया था। आखिरकार कोश्यारी को महाराष्ट्र से जाना पड़ा है। आनंद दुबे का कहना है कि हम उम्मीद करते हैं कि महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस महाराष्ट्र की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाएंगे।

कोश्यारी को हटाए जाने पर एनसीपी और कांग्रेस ने भी खुशी जताई है। महाराष्ट्र एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता भरत तपासे का कहना है कि एनसीपी पिछले काफी समय से भगत सिंह कोश्यारी के बयानों का विरोध करती आ रही थी और लगातार मांग भी करती आई थी कि कोश्यारी को राज्यपाल के पद से हटाया जाए। तपासे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र की जनता ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकती जो हमारे महापुरुषों का अपमान करे। कांग्रेस ने भी इस फ़ैसले पर खुशी जाहिर की है। 

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सत्य हिंदी से बातचीत में कहा कि भगत सिंह कोश्यारी कभी भी राज्यपाल की तरह काम नहीं कर रहे थे। भगत सिंह कोश्यारी केंद्र सरकार के भोंपू की तरह काम कर रहे थे और छत्रपति शिवाजी महाराज से लेकर सावित्रीबाई फुले तक का अपमान कर रहे थे। जिसके खिलाफ हमने बड़ा आंदोलन भी किया था और आखिरकार हमारे आंदोलन का असर यह हुआ कि उन्हें महाराष्ट्र छोड़कर जाना पड़ा है।

कुछ दिन पहले ही भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर अपना पद छोड़ने की इच्छा जताई थी और उन्होंने अपना इस्तीफा भी भेज दिया था।

प्रधानमंत्री पिछली बार जब मुंबई के दौरे पर आए थे तो भगत सिंह कोश्यारी ने पीएम मोदी से मिलकर खुद ही राज्यपाल पद छोड़ने की गुजारिश की थी और आखिरकार केंद्र सरकार ने उन्हें महाराष्ट्र से मुक्त कर दिया है।

कुछ समय पहले कोश्यारी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी एक चिट्ठी लिखी थी और महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से उन्हें मुक्त करने की अपील की थी। अमित शाह को लिखी चिट्ठी में कोश्यारी ने लिखा था कि महाराष्ट्र की सभी विरोधी पार्टियाँ उन्हें निशाना बना रही हैं। ऐसे में वह काफी आहत हैं और इस पद पर बने रहना नहीं चाहते हैं।

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उस समय चर्चा में आए थे जब उन्होंने नितिन गडकरी की तुलना छत्रपति शिवाजी महाराज से कर दी थी। इसके अलावा उन्होंने सावित्रीबाई फुले के ऊपर भी विवादास्पद बयान दिया था जिसके बाद विपक्ष कोश्यारी पर हमलावर हो गया था।

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