अयोध्या विवाद को लेकर एकाएक हलचल तेज़ हो गई है। अयोध्या में धारा 144 लागू की गई है। यह ऐसे समय में हुआ है जब सुप्रीम कोर्ट में आख़िरी दौर की सुनवाई चल रही है। तीन दिन में यानी 17 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी हो जाएगी। 17 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर हो रहे हैं इसलिए माना जा रहा है कि इससे पहले यह फ़ैसला आ जाएगा। डीएम अनुज कुमार झा ने पूरे ज़िले में 10 दिसम्बर तक धारा 144 लागू कर सुरक्षा व सतर्कता को बढ़ाने का आदेश दिया है। इससे साफ़ है कि अयोध्या में सुरक्षा व सतर्कता बढ़ाने की कवायद किस स्तर पर और किसलिए चल रही है।
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के संभावित फ़ैसले के बीच ही दिवाली का त्योहार भी है। यूपी सरकार अयोध्या में एक साथ भारी सुरक्षा बलों की तैनाती न करके दीपोत्सव व त्योहारों व कार्तिक पूर्णिमा मेला के नाम पर फ़ोर्स को बढ़ा रही है। क़रीब 10 कंपनी अतिरिक्त फ़ोर्स तो दीपोत्सव को लेकर ही माँग की गई है। एसपी सिटी विजय पाल सिंह के मुताबिक़ इस समय सारा फ़ोकस दीपोत्सव को लेकर है। लेकिन सच्चाई तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद के लिए सुरक्षा को लेकर तानाबाना बुना जा रहा है। तभी तो धारा 144 दस दिसंबर तक के लिए लगाई गई है। अयोध्या व फ़ैज़ाबाद नगरों में कॉलेजों व धर्मशालाओं को फ़ोर्स को ठहरने के लिए चिन्हित किया गया है। पुलिस के अनुसार, बताया कि बड़ी संख्या में एएसपी व डीवाइएसपी, इंस्पेक्टर व एसआई की भी अतिरिक्त तैनाती की जाएगी। जैसा माहौल होगा वैसी ही सुरक्षा लागू कर दी जाएगी। वैसे इस समय अयोध्या व फ़ैज़ाबाद में माहौल एकदम सामान्य है। स्कूल कॉलेज खुले हुए हैं।
साम्प्रदायिक रूप से काफ़ी संवेदनशील रहे अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला काफ़ी मायने रखता है। मुसलिम बस्तियों में सुप्रीम कोर्ट के आने वाले फ़ैसले को लेकर 1992 जैसे हालात पैदा होने को लेकर लोग सशंकित हैं। इसीलिए मुसलिम नेताओं ने अपने समुदाय की बैठक कर लोगों से अफ़वाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
इधर, संत महंत व आम हिंदू परिवार के लोग मान रहे हैं कि फ़ैसला मंदिर के पक्ष में ही आएगा। महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि अब शुभ घड़ी आने में देर नहीं, भव्य राम मंदिर के इंतज़ार का लंबा समय कट चुका है। वह मानते हैं कि 30 नवंबर से शुरू होने वाले रामायण मेला के पहले भव्य राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
बाबरी मसजिद के मुद्दई इक़बाल अंसारी व पक्षकार हाजी महबूब का कहना है कि मुसलिम समाज के लोग कोर्ट के फ़ैसले को मानेंगे। अयोध्या की बीकापुर तहसील की शोभराजी कहती हैं कि मंदिर बनेगा।
सुनवाई 17 अक्टूबर तक पूरी हो जाएगी
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई रिटायर की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की पाँच सदस्यीय संवैधानिक बेंच मामले की सुनवाई कर रही है। बीते 6 अगस्त से ही चल रही सुनवाई में मुसलिम पक्षों ने भी अपनी दलील रख रख दी है। इन दलीलों पर 15 और 16 अक्टूबर को हिंदू पक्षों को जवाब देने का मौक़ा दिया जाएगा। फिर 17 अक्टूबर तक सुनवाई की सारी कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी।
2.77 एकड़ ज़मीन का विवाद
सुप्रीम कोर्ट उन केसों की सुनवाई कर रहा है जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के 30 सितंबर 2010 के फ़ैसले के ख़िलाफ़ 14 अपीलें दायर की गई हैं। हाई कोर्ट ने विवादित 2.77 एकड़ भूमि को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच समान रूप से विभाजित करने का आदेश दिया था। लेकिन हाई कोर्ट का यह फ़ैसला कई लोगों को पसंद नहीं आया। यही कारण है कि इस मामले के ख़िलाफ़ कई लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएँ दायर कीं। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हीं याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मई 2011 में हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में विवादित स्थल पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।