तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में मारे गए चीफ़ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ़ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत व 12 अन्य लोगों की मौत के मामले में केंद्र सरकार ने गुरूवार को संसद में बयान दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि वे देश भर की ओर से हादसे में मारे गए लोगों के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सीडीएस बिपिन रावत वेलिंगटन के डिफ़ेंस कॉलेज में अपने पहले से तय कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। उन्होंने कहा, “एयरफ़ोर्स के एमआई 17वी5 हेलीकॉप्टर ने बुधवार को सुबह 11.48 बजे सुलूर एयरबेस से उड़ान भरी। इस विमान को 12.15 मिनट पर वेलिंगटन में लैंड करना था। लेकिन सुलूर एयरबेस के एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल ने 12.08 मिनट पर हेलीकॉप्टर से संपर्क खो दिया।”
रक्षा मंत्री ने कहा कि स्थानीय लोगों ने उलूर के पास जंगल में आग लगी हुई देखी, तो वे भागकर उस जगह पर पहुंचे, वहां उन्होंने सेना के हेलीकॉप्टर को आग की लपटों से घिरे हुए देखा। इसके बाद बचाव दल मौक़े पर पहुंचा और हेलीकॉप्टर के अवशेष में दबे हुए लोगों को निकालकर वेलिंगटन के अस्पताल में ले जाया गया।
उन्होंने कहा कि हादसे की जांच के लिए एयरफ़ोर्स द्वारा एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में ट्राई सर्विस जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि हादसे में जीवित बचे शख़्स ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है और वह लाइफ़ सपोर्ट पर हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरचीफ़ मार्शल वीआर चौधरी ने घटनास्थल का दौरा किया है और घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसके बाद मारे गए लोगों के शोक में सभी सांसदों ने थोड़ी देर का मौन रखा। इससे पहले राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने सीडीएस रावत के जीवन के बारे में सांसदों को जानकारी दी।
हेलीकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत के अलावा उनकी पत्नी मधुलिका रावत, कर्नल हरजिंदर सिंह, बिग्रेडियर एलएस लिड्डर, पीएसओ गुरसेवक सिंह, जितेंद्र कुमार, विवेक कुमार, बी साई तेजा, सतपाल सहित 14 लोग सवार थे।