जोधपुर हिंसा: बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने

05:12 pm May 03, 2022 | सत्य ब्यूरो

जोधपुर में हुए सांप्रदायिक तनाव के बाद राज्य का सियासी माहौल एक बार फिर से गर्म हो गया है। बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और दंगाइयों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है तो वहीं कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी के नेता एक षड्यंत्र के तहत राजस्थान के अमन-चैन और शांति को भंग कर रहे हैं।

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा है कि राजस्थान में अशोक गहलोत की सरपरस्ती और नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति और शांति व्यवस्था भंग होना चिंताजनक है। केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि कांग्रेस राज में औरंगजेबी मानसिकता किस तरह हावी हो गई है, यह जोधपुर की घटना से साफ पता चलता है।

'आपस में लड़वाना बीजेपी का एजेंडा'

बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि हिंदुओं और मुसलमानों को लड़वाना बीजेपी का एजेंडा है और जोधपुर हिंसा बीजेपी की साजिश है। उन्होंने कहा कि जहां चुनाव होंगे वहां ये लोग साजिश करेंगे। 

जबकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि असामाजिक तत्वों से सख़्ती के साथ निपटा जाएगा और पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सभी से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत ने इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जोधपुर में हिंसा सुनियोजित साजिश थी और पुलिस ने पीड़ितों पर ही लाठीचार्ज कर दिया और उपद्रवियों को नहीं रोका। उन्होंने कहा कि जोधपुर में ऐसा तांडव पहले कभी नहीं हुआ।

क्या हुआ जोधपुर में?

जोधपुर में सोमवार रात को धार्मिक झंडे लगाने को लेकर बवाल हुआ था। एक गुट ने अपने धार्मिक झंडे लगाए तो दूसरे गुट ने इस पर एतराज जताया और इसके इसके बाद दोनों आमने-सामने आ गए। रात को हुई झड़प जालोरी गेट इलाके में हुई थी। इसके बाद पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थी और पुलिस को हालात को काबू करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा था।

लेकिन मंगलवार को एक बार फिर से झड़प हुई है। सांप्रदायिक तनाव की घटना के बाद 10 थाना क्षेत्रों में बुधवार रात तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालात को देखते हुए जोधपुर में इंटरनेट को अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है और मंगलवार को पुलिस की सुरक्षा में ईद की नमाज पढ़ी गई। 

राजस्थान के करौली में भी सांप्रदायिक हिंसा की घटना हुई थी और राजगढ़ में 300 साल पुराने मंदिरों को गिराए जाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच जमकर वाद विवाद हुआ था।