राजस्थान में 4 सीटों के लिए होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए 10 जून को मतदान होना है। यहां कांग्रेस की ओर से मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी चुनाव लड़ रहे हैं जबकि बीजेपी की ओर से घनश्याम तिवारी और बीजेपी समर्थित सुभाष चंद्रा चुनाव मैदान में हैं।
मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा ने कहा है कि उन्हें कांग्रेस के कुछ विधायकों का समर्थन मिलेगा। अपने विधायकों में सेंध लगने की आशंका को देखते हुए ही कांग्रेस ने उन्हें उदयपुर में स्थित एक रिजॉर्ट में भेज दिया था।
41 वोटों की जरूरत
200 सीटों वाली राजस्थान की विधानसभा में कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 71 विधायक हैं। राज्यसभा के 1 उम्मीदवार को जिताने के लिए 41 वोटों की जरूरत है।
विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से कांग्रेस राजस्थान में राज्यसभा की 2 सीटें आसानी से जीत सकती है जबकि तीसरी सीट जीतने के लिए उसे 15 और विधायकों की जरूरत होगी। दूसरी ओर बीजेपी एक उम्मीदवार को जिता सकती है और दूसरे उम्मीदवार को जिताने के लिए उसे 11 वोटों की जरूरत होगी।
अगर सुभाष चंद्रा ने कुछ कांग्रेसी और निर्दलीय विधायकों में सेंध लगा दी तो कांग्रेस का खेल खराब हो सकता है। हालांकि कांग्रेस तीन सीटें जीतने के लिए आश्वस्त दिख रही है।
राजस्थान में 13 निर्दलीय विधायक हैं और 8 विधायक छोटी पार्टियों के हैं। कांग्रेस के पास 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है।
छोटी पार्टियों में भारतीय ट्राइबल पार्टी के पास दो, सीपीआईएम के पास दो, आरएलडी के पास एक और आरएलपी के पास 3 विधायक हैं। निश्चित रूप से निर्दलीय और छोटी पार्टियों के विधायकों पर सभी की नजर है क्योंकि वह चुनाव में बड़ा खेल कर सकते हैं। गहलोत ने भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को मना लिया है।
बाहरियों को टिकट देने पर राजस्थान कांग्रेस में नाराजगी के सुर उठे थे। कांग्रेस हाईकमान ने किसी भी स्थानीय नेता को उम्मीदवार नहीं बनाया।
उधर, राजस्थान बीजेपी ने भी अपने विधायकों को सुरक्षित करने के लिए रिजॉर्ट में ठहराया था।