राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की POCSO (बच्चों से यौन अपराधों करने वालों के खिलाफ कानून) अदालत ने पिछले साल एक नाबालिग लड़की से सामूहिक बलात्कार करने और उसे कोयला भट्टी में जिंदा जलाने के मामले में सोमवार को दो भाइयों को मौत की सजा सुनाई। जज अनिल गुप्ता ने इसे रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस बताया।
पीटीआई के मुताबिक अदालत ने कालू और कान्हा को मौत की सजा सुनाई है। हालांकि इस अपराध में छह पुरुष और चार महिलाओं सहित दस आरोपी शामिल थे। शनिवार को अदालत ने कालू और कान्हा को पिछले साल अगस्त में हुए अपराध के लिए दोषी ठहराया। सबूत नष्ट करने के सात अन्य आरोपियों को अदालत ने बरी कर दिया। बरी किए जाने वाले मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
यह घटना 2023 में हुई थी। 14 साल की लड़की 2 अगस्त, 2023 को जानवरों को चराने गई थी, लेकिन उसी दौरान लापता हो गई थी। दोनों आरोपियों ने लड़की के साथ गैंगरेप किया और बाद में उसे कोयले की भट्ठी में फेंक दिया। लड़की जब घर नहीं लौटी तो घर वाले उसे तलाशने निकलने। रास्ते में उनकी नजर लड़की के कंगन और चप्पल पर पड़ी, जो भट्टी के बाहर पड़े हुए थे।।
पुलिस ने उस बताया था कि 4 अगस्त को गांव के एक तालाब से आधे जले हुए शरीर के हिस्से बरामद किए गए, जिनके 14 वर्षीय लड़की के होने का संदेह है। पुलिस ने कहा कि शरीर के कुछ हिस्सों को कथित तौर पर भट्टी में जला दिया गया, जबकि अन्य हिस्सों को सभी सबूत नष्ट करने के लिए एक तालाब में फेंक दिया गया। पुलिस ने इस मामले में 400 पेज से ज्यादा की चार्जशीट दायर की थी।
राजस्थान में पिछली अशोक गहलोत सरकार के समय हुई इस घटना ने चुनावी माहौल बनाने में भाजपा की काफी मदद की थी। भाजपा ऐसे मामले में फौरन आंदोलन छेड़ देती है। लेकिन जब भाजपा शासित राज्यों में ऐसी घटनाएं होती हैं तो चुप्पी साध लेती है। यूपी में इस तरह की घटनाएं आए दिन हो रही है। लेकिन भाजपा का कोई बयान सामने नहीं आता।